नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुखिया यासीन मलिक भूख हड़ताल पर बैठ गया है. यासीन मलिक अदालत में चल रहे उसके विचाराधीन मामले में सही तरीके जांच नहीं किए जाने की वजह से खफा है. जेल अधिकारी ने उसे मनाने की कोशिश की, लेकिन यासीन ने भूख हड़ताल खत्म करने से मना कर दिया.

यासीन मलिक ने इसके पहले 13 जुलाई को दिल्ली के विशेष अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने और गवाहों से खुद जिरह करने की अनुमति मांगी थी. अनुमति न मिलने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी. मलिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुआ था. मलिक ने कहा था कि उसने अदालत में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने की अनुमति के लिए सरकार को पत्र लिखा है.

दरअसल, मामला पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बहन रुबिया सईद के किडनैपिंग से जुडा है. केंद्र में उस वक्त बीजेपी-समर्थित वीपी सिंह सरकार थी. सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा कर दिया था, जिसके बाद किडनैपर्स ने रुबिया को आजाद कर दिया था.

बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को 25 मई को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. मलिक को “आतंकवादी” गतिविधियों के लिए धन जुटाने के मामले यह सजा सुनाई गई थी.