Thailand Cambodia War: सीमा विवाद संघर्ष से शुरू हुआ थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध खत्म होने की जगह अब और भी विध्वंसक होता जा रहा है। थाईलैंड ने ताजा हमला करते हुए Cambodia के पैगोड़ा पर बम बरसाए हैं। वहीं कंबोडिया ने थाईलैंड पर रॉकेट से हमला किया है। दोनों देशों के बीच लड़ाई में अबतक 40 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। सिर्फ थाईलैंड में ही एक लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। दोनों के बीच जंग से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रीह विहियर मंदिर को काफी क्षति पहुंची है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से तत्काल युद्धविराम की मांग की है।
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इस संघर्ष में दोनों देशों की सेनाओं ने भारी हथियारों बीएम-21 रॉकेट लांचर, तोपखाने और थाई F-16 जेटों से हमले किए, जिससे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रियाह विहार मंदिर को काफी क्षति पहुंची है। खमेर-युग के ता मुएन थॉम मंदिर के पास भी गोलीबारी और बमबारी से ऐतिहासिक इमारतें खतरे में हैं।

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कंबोडिया के खामेर टाइम्स के मुताबिक सिएम रीप राज्य में एक पैगोड़ा पर थाईलैंड की वायुसेना के फाइटर जेट्स ने हमला किया। इसके बाद बौद्ध भिक्षुओं को वहां से भागना पड़ा। बता दें कि बौद्ध समुदाय के धार्मिक स्थल को पैगोड़ा कहते हैं।
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क्या है युद्ध की वजह?
इन दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद का कारण एक हिंदू मंदिर है। यह हिंदुओं के भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। 11वीं सदी का प्रीह विहियर मंदिर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध की वजह बना हुआ है। इस मंदिर को 11वीं सदी में खमेर सम्राट सूर्यवर्मन ने भगवान शिव के लिए बनवाया था। हालांकि वक्त के साथ ये मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं रहा, बल्कि राष्ट्रवाद, राजनीति और सैन्य ताकत का अखाड़ा बन गया है।
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वहीं थाईलैंड टूरिज्म के आधिकारिक पोर्टल के मुताबिक, थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर स्थित इस विवादास्पद मंदिर को प्रसात टा मुएन थोम कहा जाता है, जो एक पुरातात्विक स्थल का हिस्सा है। इस मंदिर के अलावा दो और खमेर शैली के ढांचे भी मौजूद हैं, जो धार्मिक रूप से इस पुरातात्विक स्थल के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यह सभी थाईलैंड के बान नोंग खन्ना इलाके में डांगरेक पर्वतों के बीच स्थित हैं।
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ये मंदिर कंबोडिया के प्रीह विहार प्रांत और थाईलैंड के सिसाकेत प्रांत की सीमा पर स्थित है। 962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय यानी (ICJ) ने फैसला दिया कि ये मंदिर कंबोडिया का है, लेकिन मंदिर के आसपास की 4.6 वर्ग किलोमीटर जमीन पर दोनों देश अपना दावा करते हैं। थाईलैंड का कहना है कि ये जमीन उसकी है, जबकि कंबोडिया इसे अपना हिस्सा मानता है।
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दोनों देशों के बीच कब शुरू हुआ विवाद?
ये विवाद 1907 से शुरू हुआ, जब फ्रांस, जो उस समय कंबोडिया पर शासन करता था, उसने एक नक्शा बनाया, जिसमें मंदिर को कंबोडिया में दिखाया गया। थाईलैंड ने इस नक्शे को कभी पूरी तरह स्वीकार नहीं किया। 2008 में जब कंबोडिया ने इस मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बनवाया, तब विवाद और बढ़ गया, क्योंकि थाईलैंड ने इसका विरोध किया। इसके बाद 2008-2011 तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई बार झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग मारे गए।
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