Thailand-Cambodia War: वर्ल्ड वार की दहलीज पक खड़े विश्व के देशों के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। भारत के दो पड़ोसी देशों के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया है। थाईलैंड ने कंबोडिया पर एयरस्ट्राइक की है। सीमा पर दोनों देशों के बीच भीषण गोलीबारी हो रही है। थाईलैंड ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर F-16 फाइटर जेट्स से हवाई हमले किए, जिसने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। लड़ाई की वजह बारूदी सुरंग और एक मंदिर है। ये विवाद ता मोआन थॉम मंदिर को लेकर शुरू हुआ है। ये एक विवादित क्षेत्र में स्थित है, जिसको लेकर दोनों पक्ष दावा करते हैं।

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कंबोडिया ने जवाब में रॉकेट और आर्टिलरी फायर किए। दोनों तरफ हताहत हुए हैं। 11 थाई लोगों की मौत हो गई है। इस घटना से 40,000 लोग विस्थापित हुए हैं।

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बता दें कि इस सैन्य टकराव से कुछ ही दिन पहले एक थाई सैनिक बारूदी सुरंग में घायल हुआ था। यह इस हफ्ते की दूसरी ऐसी घटना थी। थाईलैंड का आरोप है कि हाल ही में सीमा क्षेत्र में बारूदी सुरंगें बिछाई गई हैं, जबकि कंबोडिया ने इसे गलत करार दिया। इससे पहले थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया। बैंकॉक में कंबोडियाई राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा की। दोनों देशों के बीच पहले से चल रहा तनाव एक राजनयिक संकट में बदल गया है। ॉ

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कंबोडिया और थाईलैंड एक पुराना सीमा विवाद
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किमी लंबी भूमि सीमा है। हालांकि इसका अधिकतर हिस्सा निर्धारित है, कुछ हिस्सों को लेकर विवाद बना हुआ है। 2011 में भी इस क्षेत्र में हफ़्तों तक गोलाबारी हुई थी, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे। कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के अनुसार, थाई सेना ने इस बार दो कंबोडियाई प्रांतों पर भी गोलाबारी की।

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UNESCO विश्व धरोहर में शामिल है विवादित मंदिर

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद पुराना है, खासकर प्रीह विहार मंदिर को लेकर, जो UNESCO विश्व धरोहर स्थल है। X पोस्ट्स के मुताबिक, थाईलैंड ने दावा किया कि कंबोडिया ने उनके खिलाफ ड्रोन का इस्तेमाल किया। इसके जवाब में थाईलैंड ने छह F-16 जेट्स से कंबोडिया के सैन्य मुख्यालयों पर हमला किया है।

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दोनों देशों के सेनाओं पर एक नजरः-

थाईलैंड और कंबोडिया की सैन्य ताकत में ज़मीन-आसमान का अंतर है। थाईलैंड की 3.60 लाख सैनिकों, F-16 जेट्स और 5.5 बिलियन डॉलर के बजट वाली सेना कंबोडिया की 1.70 लाख सैनिकों और 720 मिलियन डॉलर की सेना से कहीं आगे है। कंबोडिया के पास न तो आधुनिक जेट्स हैं। न ही मजबूत नौसेना।

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  1. रक्षा बजट (Defense Budget)

थाईलैंड: 5.5 बिलियन डॉलर (लगभग 4.6 लाख करोड़ रुपये)

थाईलैंड का रक्षा बजट कंबोडिया से 7 गुना ज्यादा है, जिससे वो आधुनिक हथियार और तकनीक खरीद सकता है.

कंबोडिया: 720 मिलियन डॉलर (लगभग 60,000 करोड़ रुपये)

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2. सैन्य कर्मचारी (Manpower) 

थाईलैंड

सक्रिय सैनिक: लगभग 3,60,000   
रिजर्व सैनिक: लगभग 2,00,000  
कुल जनसंख्या: 7.2 करोड़, जिसमें से 5 करोड़ लोग सैन्य सेवा के लिए उपलब्ध हैं.  
विश्लेषण: थाईलैंड की सेना बड़ी और अच्छी तरह प्रशिक्षित है. उनके पास रॉयल थाई आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में अच्छा तालमेल है.

कंबोडिया

सक्रिय सैनिक: लगभग 1,70,000  
रिजर्व सैनिक: लगभग 1,00,000  
कुल जनसंख्या: 1.7 करोड़, जिसमें से 1.2 करोड़ लोग सैन्य सेवा के लिए उपलब्ध हैं.  
विश्लेषण: कंबोडिया की सेना छोटी है. उनके पास आधुनिक प्रशिक्षण की कमी है. 

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3. थल सेना (Army)

थाईलैंड

टैंक: 200+ टैंक, जिनमें M60 और VT-4 (चीन से खरीदे गए) शामिल हैं.  
आर्टिलरी: 1,000+ आर्टिलरी सिस्टम, जैसे M777 हॉवित्जर.  
रॉकेट सिस्टम: HIMARS जैसे आधुनिक MLRS सिस्टम.  
विश्लेषण: थाईलैंड की थल सेना अच्छी तरह सुसज्जित है. क्षेत्रीय युद्ध में प्रभावी हो सकती है.

कंबोडिया

टैंक: 200+ पुराने T-55 और टाइप 59 टैंक (सोवियत और चीनी मूल के).  
आर्टिलरी: 400+ आर्टिलरी, ज्यादातर पुराने मॉडल.  
रॉकेट सिस्टम: सीमित MLRS, जैसे BM-21 ग्रैड.  
विश्लेषण: कंबोडिया की थल सेना पुरानी तकनीक पर निर्भर है और थाईलैंड से मुकाबला करने में कमजोर है.

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4. वायु सेना (Air Force)

थाईलैंड

फाइटर जेट्स: 40-50 F-16 और SAAB ग्रिपेन जेट्स.  
हेलिकॉप्टर: 100+ हेलिकॉप्टर, जिनमें AH-1 कोबरा जैसे अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हैं.  
ड्रोन: कुछ आधुनिक ड्रोन, जैसे RQ-21 ब्लैकजैक.  
विश्लेषण: थाईलैंड की वायु सेना क्षेत्र में मजबूत है. F-16 जैसे जेट्स ने हाल के हमले में अपनी ताकत दिखाई.

कंबोडिया

फाइटर जेट्स: कोई भी आधुनिक फाइटर जेट नहीं.  
हेलिकॉप्टर: पुराने Mi-8 और Z-9 हेलिकॉप्टर (चीन से खरीदे गए).  
ड्रोन: कुछ सस्ते ड्रोन, जिनका इस्तेमाल जासूसी के लिए हो सकता है.  
विश्लेषण: कंबोडिया की वायु सेना बहुत कमजोर है. उनके पास हवाई हमले का जवाब देने की क्षमता नहीं है.

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