थाईलैंड की सेना ने कंबोडिया में घुसकर हिंदू देवता भगवान विष्णु की मूर्ति को गिरा दिया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भारी नाराजगी पैदा हो गई है।सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में थाईलैंड की सेना एक एक्सकेवेटर का इस्तेमाल करके नौ-मीटर ऊंची हिंदू देवता की मूर्ति को तोड़ती हुई दिख रही है, जिसे एक चबूतरे पर लगाया गया था। कंबोडिया ने इसे लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि मूर्ति उसके इलाके में थी, जिसे थाईलैंड ने अवैध तरीके से गिरा दिया। मूर्ति की ऊंचाई 30 फीट बताई जा रही है। कंबोडिया के प्रीह विहार प्रांत के सरकारी प्रवक्ता किम चानपनहा ने कहा कि इस मूर्ति को 2014 में थाईलैंड की सीमा से करीब 100 मीटर दूर बनाया गया था। भारत ने मूर्ति तोड़े जाने की खबरों पर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को धार्मिक प्रतीकों का अपमान दुनिया भर के श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करता है और ऐसे काम नहीं होने चाहिए।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले 6 महीने से प्रीह विहार मंदिर के इलाके को लेकर विवाद चल रहा है। जून में दोनों देशों के बीच जंग भी हुई थी। हालांकि ट्रम्प की मध्यस्थता के बाद सीजफायर हो गया था। लेकिन दिसंबर में एक बार फिर विवाद भड़क गया है। अब तक संघर्ष में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि 10 लाख से ज्यादा को पलायन करना पड़ा है।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद 118 साल पुराना है। इसका केंद्र प्रीह विहार और ता मुएन थॉम जैसे प्राचीन मंदिर हैं, जो दोनों देशों की सीमा के बेहद करीब स्थित हैं। 1907 में, जब कंबोडिया फ्रांस के अधीन था, दोनों देशों के बीच 817 किमी लंबी सीमा खींची गई। थाईलैंड ने इसका विरोध किया, क्योंकि नक्शे में प्रीह विहार मंदिर कंबोडिया के हिस्से में दिखाया गया था। ता मुएन थॉम मंदिर को थाईलैंड में दिखाया गया, जिसे कंबोडिया अपना मानता है।

यह विवाद 1959 में इंटरनेशनल कोर्ट तक पहुंचा। 1962 में अदालत ने प्रीह विहार मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना। थाईलैंड ने फैसले को स्वीकार किया, लेकिन आसपास की जमीन पर दावा आज भी जारी है। 2008 में यह विवाद तब और बढ़ गया जब इस मंदिर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कर लिया।

साल 2013 में कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को साफ करते हुए कहा कि मंदिर ही नहीं, उसके आसपास का क्षेत्र भी कंबोडिया का है। साथ ही थाईलैंड को अपनी सेना वहां से पूरी तरह हटाने को कहा गया। हालांकि सीमा का मुद्दा अब तक पूरी तरह हल नहीं हो पाया है।

थाईलैंड और कंबोडिया दोनों अब मुख्य रूप से बौद्ध देश हैं, लेकिन उनकी जड़ें हिंदू धर्म से जुड़ी हैं। कुछ लोग तो भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार भी मानते हैं। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति प्रेह विहार मंदिर परिसर में या उसके पास स्थित थी। भारत में सोशल मीडिया यूजर्स कंबोडिया में हिंदू देवता की मूर्ति गिराए जाने को लेकर थाईलैंड के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं। यूजर्स ने इसे धार्मिक अपमान बताया है। एक X यूजर ने लिखा, “सीमा विवाद की आड़ में हिंदू देवता की मूर्ति को नष्ट करना अस्वीकार्य है… आस्था और विरासत पर हमला केवल असहिष्णुता को दिखाता है।

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