नई दिल्ली. लंबे समय बाद बाद कुख्यात ठक ठक गिरोह (Thak-Thak Gang) का आतंक दिल्ली में लौट आया. गैंग ने कालकाजी इलाके में गाजियाबाद के रहने वाले निजी कंपनी के अधिकारी को ठक-ठक गैंग ने अपना शिकार बना लिया. पीड़ित वारदात के समय अपने बेटे का इंतजार कर रहा था. इसी दौरान आरोपियों ने गाड़ी से बैग चोरी कर लिया. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित 60 वर्षीय बिमल परिवार के साथ रामप्रश्त कॉलोनी गाजियाबाद में रहते हैं और निजी कंपनी में कंसल्टेंट के पद पर काम करते हैं. उन्होंने बताया कि वह कालकाजी मंदिर के पास एनएसआईसी मेट्रो स्टेशन के पास कार में बेटे का इंतजार कर रहे थे. उनका बेटा मेट्रो से गुरुग्राम से आ रहा था. इसी दौरान दो शख्स आए और बताया कि उनकी गाड़ी के बोनट से तेल निकल रहा है.
पीड़ित गाड़ी से उतरकर बोनट की ओर आया और जांच करने लगा. इसी दौरान आरोपियों ने गाड़ी में रखा बैग चोरी कर लिया. बैग में लैपटॉप, हार्ड डिस्क, दस्तावेज मौजूद थे.
कैसे चोरी करता है Thak-Thak Gang ?
एक पुलिस सूत्र ने कहा, ठक ठक गिरोह एक दुपहिया वाहन पर पहले अपना टारगेट सेट करता है. गाड़ी में में क़ीमती सामान का संकेत मिलने के बाद, वे या तो लक्षित वाहन के टायर को पंचर कर देते हैं या ट्रैफ़िक भीड़ या लाल बत्ती का फ़ायदा उठाते हुए बोनट या बम्पर पर कुछ रसायन फेंक देते हैं. फिर, वे वाहन का पीछा करते हैं और चालक को रुकने का इशारा करते हैं. जैसे ही चालक टायर पंचर या इंजन तेल रिसाव के लिए अपने वाहन का निरीक्षण करने में व्यस्त हो जाता है, वे कार से बैग या कीमती सामान उठा लेते हैं और मौके से भाग जाते हैं.
एक अन्य तकनीक में, गिरोह का एक सदस्य सड़क पर ड्राइवर की सीट के पास कुछ करेंसी नोट गिरा देता है और बाद में उससे पूछता है कि क्या उसका पैसा गिर गया है. साधारण चालक नोट लेने के लिए कार का ताला खोलता है. ऐसा तब होता है जब गिरोह का दूसरा सदस्य पीछे से चलता है और पीछे का दरवाजा खोलकर पीछे रखा कीमती सामान चुरा लेता है.