रायपुर. शिक्षाकर्मियों को सीएस की अध्यक्षता में बनी 23वीं कमेटी से ढेर सारी उम्मीदें थीं. निर्धारित 3 महीने के भीतर कमेटी को शिक्षाकर्मियों की मांगों पर रिपोर्ट तैयार करना था. आज पांच मार्च को 3 महीने पूरे हो चुके हैं मगर अब तक कमेटी ने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया है. इससे निराश शिक्षाकर्मियों के प्रांतीय नेता विकास सिंह राजपूत ने कहा कि अब इस कमेटी को भी भंग कर दिया जाये. कमेटी से कोई सकारात्मक आउटपुट नहीं मिल पाया.

शिक्षाकर्मियों के प्रांतीय नेता राजपूत ने आगे कहा कि अब तो एक ही रास्ता है कि सीधे मुख्यमंत्री विधानसभा में एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर छत्तीसगढ़ में संविलियन पास करें. अब तो बस यही रास्ता बचा है कि मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरह विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर शिक्षाकर्मियों के संविलियन का निर्णय दें. यदि मध्यप्रदेश में संविलियन संभव है तो ना जाने छत्तीसगढ़ में संविलियन असंभव क्यों हो चुका है.

आपको बता दें कि शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के बैनर तले चले पन्द्रह दिनों के आंदोलन की समाप्ति के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता मे शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा की मांगों पर विचार कर सकारात्मक निर्णय लेने हेतु कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने तीन महीने के बाद भी सरकार को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी. शिक्षाकर्मियों के प्रांतीय नेता विकास सिंह राजपूत का कहना है कि यह कमेटी 23वीं कमेटी थी.

विगत 22 कमेटी ने भी शिक्षाकर्मियों को बेहद निराश किया है. वर्तमान कमेटी से कुछ उम्मीद थी, जो आज पूरी तरह टूट चुकी है. इस कमेटी का भी कोई औचित्य नहीं है. इसे तत्काल भंग कर देना चाहिए.