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रायपुर. लंबे इंतजार के बाद छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित भूपेश सरकार के नए मंत्रिमंडल के लिए 9 विधायकों ने पुलिस परेड ग्राउंड में मंत्री पद की शपथ ले ली है. लेकिन अभी भी एक पद खाली रखा गया है. पार्टी के आलाकमान नेताओं ने मंत्री के चयन के दौरान संभागवार समीकरण, क्षेत्रीय समीकरण, जातीय समीकरण, मंत्री के रूप में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता जैसे कई पैमाने पर नामों का परीक्षण करने के बाद मंत्रियों के नाम तय किए गए. इनमें कई ऐसे मंत्री हैं जो वरिष्ठ मंत्री, तीन बार नेता प्रतिपक्ष, कई बार विधायक, वर्ग विशेष का प्रतिनिधित्व, रिकॉर्ड जीत करने वाले विधायक है. अब आपको 6 ऐसे मंत्री के बारे में बताएंगे जिनकी उनके क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है औऱ काफी सक्रिय भी हैं. वहीं इसमें आदिवासियों की मांग पूरी करने वाली महिला विधायक को भी मंत्री बनाया गया है.
रविंद्र चौबे…
रविंद्र चौबे छत्तीसगढ़ राज्य के तीसरे नेता प्रतिपक्ष है और बेमेतरा जिले के साजा धमधा विधानसभा से विधायक भी हैं. वरिष्ठ मंत्री और ब्राह्मण वर्ग का प्रतिनिधित्व भी करते हैं. सबसे पहले चौबे एनएसयूआई दुर्ग 1979-80 में जिला अध्यक्ष भी चुने गए थे. अब उन्हें 2018 में भूपेश मंत्रिमंडल के मंत्री पद में शामिल किया गया है.
प्रेमसाय सिंह टेकाम…
डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम छत्तीसगढ़ की प्रतापपुर विधान सभा से विधायक हैं. सरगुजा संभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्व में मंत्री रहे हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में इन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी एवं बीजेपी के प्रत्याशी रामसेवक पैकरा को 44105 वोटों से हराया है.
जयसिंह अग्रवाल…
जयसिंह अग्रवाल ने राजनैतिक जीवन की शुरुआत छात्रसंघ से की. सबसे पहले कोरबा में छात्र संघ के अध्यक्ष बने. फिर अविभाजित मध्यप्रदेश में 1996 से 1998 तक राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त हुआ. वर्ष 1998 से 2003 तक बतौर सांसद प्रतिनिधि, कोरबा के रूप में कार्य किया. वर्ष 2004 से 2011 तक महामंत्री बने, वर्तमान में वर्ष 2010 से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं और वर्ष 2008 से लगातार अब तक कोरबा से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं.
मो. अकबर…
मो. अकबर जोगी सरकार में मंत्री पद पर रहे है, अल्पसंख्यक नेताओं में से अकेले चुने गए है, सर्वाधिक 59 हजार वोटों से जीत का रिकॉर्ड दर्ज किया है.
कवासी लखमा…
कावासी लखमा कोंटा विधानसभा से पांंचवी बार विधायक बने हैं. 2013 में हुए झीरम घाटी नक्सली हमले में जीवित बचे लोगों में से कावासी लखमा एक है. जब हमले में अन्य कांग्रेस नेताओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई, तो कावासी लखमा को बख्श दिया गया और इस पर संदेह पैदा हो गया था. लखमा बस्तर से आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं.
अनिला भेड़िया…
अनिला भेड़िया कांग्रेस की महिला विधायकों में सबसे सीनियर विधायक है. विधानसभा में सरकार के खिलाफ काफी मुखर रही है. संजारी बालोद विधानसभा से दूसरी बार विधायक चुनी गई हैं, महिला और आदिवासी वर्ग की मांग पूरी करती हैं.