रायपुर। रावघाट रेलवे परियोजना को लेकर बस्तर क्षेत्र के प्रभावित किसान हाल ही में राज्यपाल महामहिम अनुसूईया उइके से मुलाकात की। किसानों ने अपनी पीड़ा बताते हुए राज्यपाल से कहा कि उनकी जमीन को पूर्ववर्ती सरकार ने विधि विरुद्ध तरीके से अधिग्रहण किया है। किसानों ने उचित मुआवजा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस पर राज्यपाल उइके ने किसानों को आश्वस्त किया कि पहले की तरह अब कोई गड़बड़ी नहीं होगी. उन्होंने स्पष्ट कहा आपके साथ अन्याय हुआ।

सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल एवं अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता एन.डी.मानिकपुरी किसान राज्यपाल उइके इस विषय पर करीब एक घंटा चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष लखेश्वर कश्यप, सदस्य गणेश कश्यप, शोभाराम सेठिया, मोसूराम नाग, बुधराम बघेल शामिल रहे। चर्चा के दौरान अधिवक्ता एनडी मानिकपुरी एवं लखेश्वर कश्यप ने राज्यपाल को बताया की रावघाट रेलवे परियोजना के लिए भाटपाल, भरनी, उड़कापर, धारक्वाली, कुड़कापार, मुंडापाल, समेत कुल 35 गांव की जमीन को अधिग्रहण किया गया. लेकिन अधिग्रहण के लिए निर्धारित विधि सम्मत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. जिला प्रशासन के तत्कालिक अधिकारी घर में जाकर किसानों को सीधा चेक थमा दिए और उन्हें यह बता दिए कि उनकी जमीन अधिग्रहित कर ली गई और कहा कि अगर आवाज उठाओगे तो ना जमीन मिलेगा ना मुआवजा।

अधिवक्ता मानिकपुरी ने बताया उस समय जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सीधे धमकी देते हुए झूठे प्रकरण में फंसाने तक की बात कही थी। राज्यपाल को उन्होंने बताया अधिग्रहण के संबंध में सीधी ग्राम पंचायत ने ना ही मुनादी हुई और ना ही किसी ग्राम पंचायत में ग्रामसभा हुई। स्थानीय स्तर पर इस संबंध में किसी प्रकार की अधिसूचना प्रकाशित नहीं की गई। किसानों की मांग है कि उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिया जाए। किसानों की पीड़ा सुनकर राज्यपाल ने कहा कि पूर्व में जो गड़बड़ी हुई है वह अब नहीं चलेगा। आदिवासियों को अब कोई बेवकूफ नहीं बना सकेगा जल्द ही जिला प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों को राजभवन बुलाकर इस मामले का निपटारा करेंगी।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा की आदिवासियों को डरने की आवश्यकता नहीं है उनको न्याय मिलेगा। आवश्यकता पड़ने पर वे स्वयं बस्तर जाकर किसानों से मिलेंगे। राज्यपाल महोदय ने यह भी कहा की पेशा कानून का आदिवासी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। राज्यपाल उइके ने प्रतिनिधिमंडल से कहा इस प्रकरण से संबंधित जितने भी दस्तावेज हैं उन सभी दस्तावेजों को उन्हें सौंपा। राज्यपाल के आश्वासन के बाद राव घाट रेलवे परियोजना में प्रभावित किसानों में उत्साह है। उन्हें उम्मीद है जल्द ही उन्हें न्याय मिलेगा। आपको बता दें इससे पहले किसान पूर्वर्ती सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके थे। राज्यपाल से मिलने से पहले किसानों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई है।