मनोज यादव, कोरबा– एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में ओवर बर्डन का काम करने वाली बीजीआर कंपनी के कर्मचारियों ने शोषण का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि कंपनी पॉलिसी के अनुसार तमाम कर्मचारियों का वेतन बढ़ जाना चाहिए था. मगर कंपनी के अफसर कर्मियों को गुमराह कर रहे हैं. वेतन वृद्धि करना तो दूर उन्हें मूलभूत सुविधा से भी वंचित कर दिया गया है. इस बात से नाराज करीब 450 कर्मचारी काम बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं. इस मामले पर कंपनी से पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनके अधिकारियों ने फोन ही नहीं उठाया.
गौरतलब है कि एसईसीएल की कोयला खदानों में विभिन्न निजी कंपनियों द्वारा काम किया जा रहा है. इसके लिए स्थानीय कर्मचारी व मजदूरों को नियोजित किया गया है. मगर उन कर्मचारियों को सुविधा मुहैया कराने में कोताही बरती जा रही है. बीजीआर कंपनी के डोजर ऑपरेटर, क्रेन ऑपरेटर व अन्य मशीनों के संचालक कंपनी के इस रवैये से खासे परेशान हैं. कई बार उन्होंने अपनी मांग को लेकर प्रबंधन से पत्राचार किया मगर कोई फायदा नहीं हुआ. अब इन लोग आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. यही वजह है कि कंपनी के कर्मचारी लामबंद होकर पिछले 24 घंटे से काम बंद हड़ताल पर चले गए हैं.
बता दें कि बीजीआर कंपनी पिछले डेढ़ साल से खदान में काम कर रही है. प्रारंभ से ही कंपनी द्वारा मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. वेतन वृद्धि तो दूर अपने कर्मचारियों को मूलभूत सुविधा देने में भी कंपनी कोताही बरत रही है. हैरानी की बात तो यह है कि कर्मचारियों के लिए शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध नहीं की गई थी. पिछले दिनों में कंपनी द्वारा शौचालय का निर्माण किया गया था. मगर उस पर भी अब ताला लगने के साथ ही दरवाजे पर वेल्डिंग कर दिया गया है. अब तो आलम यह है कि कर्मचारियों को लघु शंका वह शौच के लिए खुले मैदान में जाना पड़ता है.
मेहनतकश कर्मचारी किसी तरह इस समस्या का सामना तो कर लेते हैं, लेकिन सही वेतन नहीं मिलने से उनकी माली हालत खराब होती जा रही है. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने साफ कह दिया है कि जब तक कंपनी उनके खाते में बढ़ी हुई वेतन की राशि जमा नहीं करती तब तक हड़ताल पर रहेंगे. इस प्रदर्शन के बाद भी कंपनी ने कर्मचारियों की सुध नहीं ली. अब देखना होगा कि कर्मचारियों की काम बंद का कंपनी प्रबंधन पर कितना असर पड़ता है.