जगदलपुर। बीजापुर प्रेस क्लब ने एक ऑडियो जारी किया था, जिसमें नक्सलवाद कवर करने जा रहे पत्रकारों को सीधे गोली मारने का आदेश दिया गया था. इस ऑडियो के वायरल होने के साथ ही पत्रकार आक्रोशित हो गए. इसके खिलाफ आज बस्तर प्रेस क्लब ने कमिश्नर ऑफिस के सामने धरना दिया.

पत्रकारों ने सख्त कार्रवाई की मांग की

पत्रकारों ने इस ऑडियो की निंदा की. वे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पत्रकारों ने कहा कि ऑडियो में जो भी बातें कही गई हैं, इसके खिलाफ वे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को ज्ञापन भी सौंपेंगे. बता दें कि बस्तर प्रेस क्लब की ओर से आयोजित धरने में दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव और जगदलपुर से पत्रकार पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ साजिश को वे बर्दाश्त नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि बीजापुर प्रेस क्लब की ओर से जो ऑडियो जारी किया गया था, उसमें नक्सली रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को गोली मारने का आदेश था. 30 सेकेंड के क्लिप में एक शख्स अपने अधीनस्थों को आदेश दे रहा था कि अलर्ट रहना और अगर कोई पत्रकार जंगल में नक्सलियों की रिपोर्टिंग करने जाए, तो उसे खत्म कर देना.

जांच के आदेश

इस मामले को लेकर पुलिस विभाग भी अलर्ट हो गया है. स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने आईजी बस्तर विवेकानंद सिन्हा को इस क्लिप की जांच करने को कहा है. उन्होंने कहा कि 2005 में ऐसा ही ऑडियो क्लिप सामने आया था, जब कुछ पत्रकार जंगल में रिपोर्टिंग करने गए थे. पुलिस जांच कर रही है कि ये कोई नया क्लिप है या वही पुराना क्लिप.

पुराना हो सकता है क्लिपः रुचिर गर्ग

इस मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रुचिर गर्ग से जब लल्लूराम डॉट कॉम ने बात की तो उन्होंने बताया कि ये वही पुराना ऑ़डियो है जो 2005 में सामने आया था. जिसके बारे में बताया गया था कि ये वायरलैस मैसेज है जिसे नक्सलियों ने इंटरसेप्ट किया था. गौरतलब है कि तब तत्कालीन एसपी डीएल मनहर पर आरोप लगा था कि ये आवाज़ उनकी है. लेकिन उस वक्त डीएल मनहर ने इस आरोप को यह कहकर खारिज़ कर दिया था कि ये नक्सलियों की साज़िश है.