हेमंत शर्मा,रायपुर। राजधानी के कुशालपुर इलाके में नंदन टीएमटी ग्रुप के कर्मचारी से धोखाधड़ी के मामले में पुलिस की टीम जांच में जुटी हुई है. लेकिन जिस तरह से मामला सामने आ रहा है उससे प्रार्थी मुंशी धीरेंद्र मिश्रा के बदलते बयान से कई तरह के सवालिया निशान उठ खड़े हो गए हैं. ठगी की इस घटना में प्रार्थी जिस तरीके से बयान बदल रहा है. उससे पुलिस को आशंका है कि उसकी इस घटना में मिलीभगत हो सकती है. अभी तक की जांच में यही बात निकलकर सामने आ रही है.
26 लाख रूपए के इस धोखाधड़ी के मामले में अब तक पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है. प्रार्थी के हर बार बयान बदल रहा है जिससे मामला उलझता जा रहा है. पुलिस ने रास्ते के करीब 50 सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं. लेकिन फुटेज में कहां भी ठग दिखआई नहीं दे रहा है. अधिकतर फुटेजों में प्रार्थी ही दिख रहा है. प्रार्थी ने पुलिस को पूछताछ में जितनी बातें अभी तक बताई हैं सब झूठी निकली हैं ऐसे में प्रार्थी संदेह के घेरे में हैं.
कल शुक्रवार को नंदन टीएमटी ग्रुप में मुंशी के पद पर कार्यरत धीरेंद्र मिश्रा बड़ी रकम लेकर वालफोर्ट सिटी जा रहा था, ठीक उस दौरान दो लोगों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था. बताते हैं कि आरोपियों ने क्राइम ब्रांच से होने का हवाला देते हुए रकम जप्त किया और इस रकम का ब्यौरा मांगते हुए कहा कि थाने आकर हिसाब देकर ले जाना.
जांच में जुटी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह पर घटना हुई है उस रास्ते के कई सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं. लेकिन ठगों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. ज्यादातर फुटेज में प्रार्थी ही दिखा है. प्रार्थी अपना बयान बार बार बदल रहा है. अभी तक जितनी बातें उसने बताई है सभी झूठी निकली हैं. हमें उस पर ही संदेह है. पहले ठगों को पकड़ने की कोशिश हमने तेज कर दी है.जैसे ही उन ठगों तक पहुचेंगे कई सारी चीजें क्लियर होंगी.