सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर. राजधानी रायपुर में द आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के द्वारा स्वच्छता अभियान की भी शुरुवात की गई जो 1982 में संस्थापित द आर्ट ऑफ लिविंग विश्व की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संस्था है. संस्था का उद्देश्य हिंसा रहित, तनाव रहित माहौल जनता के बीच बनाना है साथ ही ये संस्था वसुदेव- कुटुम्बकम को प्रेरित होकर मानवता के उद्धार और जीवन के स्तर में सुधार की बढ़ोतरी के कई पहल करने में लगी हुई है और अब ये संस्था सफाई अभियान में भी जुट गई है.

शिक्षक नीलिमा जैन और सतीश अग्नीहोत्री के नेतृत्व में आज राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में सड़क के किनारों से पॉलीथिन उठाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया. साथ ही ‘’से नो पॉलीथिन’’ का नारा भी लगाया और लोगों को जागरूक भी किया कि वे पॉलीथिन का इस्तेमाल ना करें.

निलिमा जैन ने बताया कि स्वच्छता के लिए हमें आगे आना होगा. आज भी ऐसे बहुत से लोग है, जो स्वच्छता अभियान से अवगत नहीं है. उन्हें जागरुक करने के लिए हम ये अभियान चला रहे हैं. साथ ही लोगों को यह भी बता रहे हैं कि यदि वो अपने आस-पास सफाई व्यवस्था रखेंगे तो उनका मन भी स्वच्छ रहेगा.

सतीश अग्नीहोत्री ने कहा कि इस माध्यम से हमें लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. साथ ही स्वच्छता अभियान के माध्यम से हमें गांधी जी के सपने को पुरा करना है. इस कार्यक्रम में रीना, नवनीत, शीतल, मनीषा, दीपा, सुनीता, भगवान दास, शैलेन्द्र ने हिस्सा लिया.