चंद्रकांत देवांगन,दुर्ग. जिले के साइबर सेल में पदस्थ एएसआई पर एक लाख रिश्वत मांगने का आरोप लगा था. जिसे जांच के दौरान सही पाए जाने पर आईजी जीपी सिंह ने निलंबित कर दिया है. एएसआई ने जगदलपुर निवासी एक पीड़ित पर ओलेक्स कंपनी में फर्जीवाड़ा करने का मामला साइबर सेल में दर्ज किया गया था. उसी को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित से रिश्वत की मांग की थी.

निलंबित अधिकारी

जानकारी के मुताबिक एएसआई पीड़ित से लगातार फोन कर मामला दबाने के लिए पैसे की मांग कर रहा था. और दबाव डाल रहा था. पीड़ित के अनुसार एएसआई रिश्वत के पैसे को उपर बड़े अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कह रहा था. इस वजह से वह एक लाख रुपए की मांग कर रहा था.

जिसके बाद पीड़ित ने इस मामले में आईजी जीपी सिंह से मुलाकात कर शिकायत की. जिसके बाद मामले की जांच करने के लिए आईजी द्वारा एक विशेष टीम गठित की गई. रिश्वत लेने के लिए जब एएसआई ने पीड़ित को भिलाई के सिविक सेंटर बुलाया तो उसके साथ वह विशेष टीम भी मौजूद थी. पीड़ित पैसे लेकर उसको देना जाता उससे पहले ही टीम ने जांच में मामले को सही पाते हुए आईजी को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद आईजी जीपी सिंह ने एएसआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. और विभागीय जांच शुरू कर दी है.

हालांकि पुलिस इस मामले में चाहती तो एसीबी की मदद से एएसआई को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर सकती थी. लेकिन उसने ऐसा ना करते हुए सिर्फ प्रभाव से निलंबित कर दिया है. और उसे जेल जाने से बचा लिया. क्योंकि ऐसा करने से पुलिस विभाग की बदनामी होती.

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