नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर गुवाहाटी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. पहले यह चुनाव 11 जुलाई को होने थे, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है. असम कुश्ती संघ की मांग पर यह रोक लगाई गई है. बुधवार (21 जून) को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनावों को पांच दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया था. पहले यह चुनाव छह जुलाई को होने थे, जिसे तदर्थ समिति ने बदलकर 11 जुलाई कर दिया था, लेकिन अब 11 जुलाई को भी यह चुनाव नहीं होंगे.

लगातार टलता जा रहा चुनाव

इससे पहले, IOA की समिति ने चुनाव में मताधिकार की मांग कर रही 5 अमान्य प्रदेश ईकाइयों की दलीलें सुनने के बाद WFI के चुनाव 11 जुलाई को कराने का फैसला लिया था. पहले यह चुनाव 6 जुलाई को होने थे. हाई कोर्ट के सेवानिवृत जज एम एम कुमार की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय समिति से 5 प्रदेश ईकाइयों महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश ने संपर्क किया था. इन पाचों को डब्ल्यूएफआई से मान्यता नहीं मिली है.

शीर्ष पहलवानों ने किया था प्रदर्शन

भारत के शीर्ष पहलवानों ने काफी दिनों तक कुश्ती संघ के चुनाव के लिए और अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों को हटाने के खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया. पहलवानों ने बृजभूषण शरण सहित टीम के कुछ कोच पर यौन शोषण का आरोप लगाए थे.

18 जनवरी को पहली बार धरने पर बैठे थे पहलवान

देश के शीर्ष पहलवान 138 दिन से बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. 18 जनवरी को पहली बार पहलवान धरने पर बैठे थे और 23 अप्रैल को दूसरी बार धरना शुरू किया. इसके बाद पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ झड़प हुई. पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा. हालांकि, पहलवानों और गृहमंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात के बाद कहानी बदल गई और पहलवान काम पर लौट गए. उसके बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई और कुछ मामलों पर सहमति बनी. फिर पहलवानों ने 15 जून तक धरना-प्रदर्शन नहीं करने की बात मान ली.

याचिका में क्या कहा ?

याचिका में कहा गया कि असम कुश्ती संघ, डब्ल्यूएफआई का सदस्य होने का हकदार हैं, लेकिन गोंडा (उत्तर प्रदेश) में 15 नवंबर, 2014 को डब्ल्यूएफआई की जनरल काउंसिल को तत्कालीन कार्यकारी समिति द्वारा की गई सिफारिश के बावजूद अनुमति नहीं दी गई.

तदर्थ समिति ने मतदाता सूची के लिए नाम भेजने की अंतिम तिथि 25 जून तय की, जबकि नई संचालन संस्था के चयन के लिए चुनाव 11 जुलाई को होने हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता ने डब्ल्यूएफआई से मान्यता नहीं मिलने तक चुनाव में रोक लगाने की मांग की थी.