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विभाग की ओर से दुर्ग के उप संचालक धर्मेन्द्र साहू ने इसकी चाबी उत्तरा को सौंपी। आपको बता दें कि 80 फीसदी दिव्यांग उत्तरा ठाकुर ने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच न केवल स्नातक तक पढ़ाई की,बल्कि गांव की सरपंच भी चुनी गई और अपने दृढ इच्छाशक्ति से गांव को ओडीएफ बना डाला। उत्तरा के इस संघर्ष को भारत सरकार ने चिन्हांकित किया और 8 मार्च 2017 को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित “स्वच्छ शक्ति सम्मान 2017” में पीएम मोदी के हाथों सम्मानित किया। सम्मान समारोह से लौटने के बाद उत्तरा से समाज कल्याण विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने संपर्क किया और विभाग की ओर से उनका सम्मान करने की इच्छा जाहिर की।
इस संबंध में जरूरी शासकीय प्रक्रिया का पालन करते हुए सोनमणि बोरा ने विभाग की ओर से बैटरीचलित ट्राइसिकल की स्वीकृति प्रदान की। जो ट्राइसिकल उत्तरा को दी गई है उसकी खासियत यह है कि रात भर बैटरी चार्ज करने के बाद ट्राइसिकल से अगले दिन सौ किलोमीटर तक की यात्रा की जा सकती है। नया ट्राइसिकल मिलने से उत्तरा भी बेहद उत्साहित है। उसका कहना है कि इस नए वाहन के मिलने के बाद उसे अपने गांव के लिये और बेहतर काम करने की प्रेरणा मिली है।