रायपुर। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने चीन के संबंध में दिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को थोथा चना बाजे घना कहा है. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि सीएम बघेल के पास कितना अतिरिक्त समय है, जो जनता द्वारा दी गई राज्य की जिम्मेदारी को छोड़ दिन-रात दिल्ली के पीछे लगे रहते हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या बघेल को भी कांग्रेस के अपने राष्ट्रीय नेतृत्व पर भरोसा नहीं है, जो अपना सारा कामकाज छोड़ कर चंद सलाहकारों के ड्राफ्ट किये प्रेस विज्ञप्तियों पर राष्ट्रीय विषयों पर अपना समय बर्बाद करते रहते हैं ?

मूणत ने कहा कि एक ऐसा प्रदेश जहां कोविड-19 की महामारी रोज चिंताजनक होती जा रही है. ऐसा पहला प्रदेश जहां कोरोना से कई गुना ज्यादा कोरेंटाइन सेंटर्स में जानें जा रही हैं, उसकी व्यवस्था छोड़ कर प्रदेश से इतर के मुद्दे उठाने में लगे रहना वास्तव में बघेल द्वारा अपनी विफलता से ध्यान भटकाने की कवायद के अलावा और कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के नाकारापन के कारण कोरोना आज समूचे प्रदेश को हलाकान किये हुए है. मात्र 18 महीने में भ्रष्टाचार के हालात यह हैं कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष को यह सार्वजनिक रूप से कहना पड़ रहा है कि एसपी ज्यादा पैसा खा रहा है. कांग्रेस के भीतर लाल बत्ती को लेकर सर फुटव्वल है. ऐसे मामलों से निपटने के बजाय बे-सर पैर की कसरत करते रहना मुख्यमंत्री की विवशता को ही दिखाता है.

प्रदेश भाजपा अनेक बार यह कह चुकी है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता में होने के कारण मुख्यमंत्री यहां की जनता और विपक्ष के सवालों के प्रति जवाबदेह हैं. उन्हें जवाबदेह बनना है न कि सवाल उठाने हैं. इतनी सामान्य सी विधायी समझ अगर किसी सीएम की नहीं हो तो क्या कहा जाय भला? मूणत ने कहा कि भाजपा की ऐतिहासिक रूप से सफल अनूठे वर्चुअल रैली और जनसंवादों की सफलता से बघेल बौखला गए हैं. उन्हें कुछ जवाब नहीं सूझ रहा तो जो काम राहुल गांधी को करना चाहिये उसे करने की कोशिश में अपना समय काट रहे हैं, उन्हें प्रदेश के सवालों और सरोकारों के साथ आना चाहिए. जवाबदेह होने के बदले गैर-जिम्मेदाराना बयान उन्हें शोभा नहीं देता.

उन्होंने कहा कि जहां तक चीन का सवाल है तो अब झूठ का रायता चाहे कांग्रेस जितना फैला ले, जनता जान चुकी है कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले फाउंडेसन ने चीन से भी पैसे लिए. उन्होंने कहा कि इसी तरह लाख सवालों का धुआं छोड़ें बघेल लेकिन डोकलाम विवाद के समय तात्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चीनी राजदूत ‘लुओ झाओहुई’ से 8 जुलाई 17 की गुप्त मुलाक़ात नहीं भूलेगा न ही मां-बेटा का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से किया गया एमओयू ही कोई भूल पायेगा. प्रधानमंत्री राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन में पैसा भेजने जैसा कृत्य को भी ढंकने की विफल कोशिशों में जुटे रहने के बजाय सीएम कुछ ऐसे कार्य करें जिसके लिए उन्हें चुना गया या जिसके वादे कर वे सत्ता में आये. इसके उलट वक़्त बर्बाद करने से न तो प्रदेश का भला होगा और न ही सीएम अपना खोया भरोसा हासिल कर पायेंगे.