इश्हाक खान,अंतागढ़. कांकेर जिले के बीएसपी के रावघाट स्वास्थ्य केंद्र में इलाज नहीं हो रहा है. अस्पताल में एक डॉक्टर है, लेकिन वे आते नहीं है. मरीजों को दवा भी नहीं मिल रहा. कंपाउंडर के भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा है. इस अव्यवस्था से तंग आकर आज ग्रामीणों ने अस्पताल में ताला जड़ दिया. साथ ही मरीजों ने बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने प्रबंधन से स्थायी डॉक्टर की मांग की है, और कहा है कि अगर प्रबंधन अस्पताल में डॉक्टर नहीं भेजती तो हमेशा के लिए तालाबंदी कर दिया जाएगा.
अस्पताल खंडहर में तब्दील
जब लल्लूराम डॉट कॉम ने बीएसपी अस्पताल का मुआयना किया. इस दौरान परिसर पूरा खंडहर में तब्दील हो गया है. अस्पताल में कपाउंडर, चौकीदार सहित तीन स्टॉफ है, लेकिन डॉक्टर नहीं है. आते भी हैं तो एक दो दिन रहने के बाद फिर छोड़कर वापस चले जाते हैं.
बीएसपी प्रबंधन ने बहुत दावे किए थे
बुखार उल्टी-दस्त, नेत्र, हड्डी, कान गला पेट सहित कई बीमारियों की इलाज कराने की बात कर बीएसपी प्रबंधन ने अंतागढ़ में अस्पताल खोला था. इसके बाद से यहां लोगों को दो से चार माह बेहतर सुविधा मिली, लेकिन बाद में व्यवस्था चरमरा गई. अब अस्पताल औपचारिकता के तौर पर खोली जा रही है. आदिवासी नेता विश्राम गावड़े ने बताया कि ग्रामीण अस्पताल में आंखों की जांच और चश्मा बनवाने के लिए आते हैं. लेकिन चिकित्सालय में कोई डॉक्टर नहीं रहते. इस पर अधिकारी कहते हैं कि चिकित्सक यहां नहीं रहना चाहते. एक दो दिन रहते हैं फिर छोड़कर चले जाते हैं. इसलिए परेशानी हो रही है.
डॉक्टर उपलब्ध कराने का आश्वासन
बीएसपी प्रबंधक सचिन रंगारी ने कहा कि सोमवार को रावघाट अस्पताल अंतागढ़ में चिकित्सक उपलब्ध कराने के संबंध में प्रबंधन की बैठक होगी. इसके बाद मंगलवार को अंतागढ़ पहुंचकर उचित कार्रवाई करुंगा. साथ ही उन्होंने नियमित चिकित्सक उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया. लेकिन अब देखना यह होगा कि कब तक यहां कि सुविधा दुरुस्थ हो पाती है. या फिर यूं ही यह सिलसिला चलता रहेगा.