अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में मिडिल स्कूल तक के बच्चों के बस्ते का वजन तय होगा। बस्ते का वजन जरुरत से ज्यादा होने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश बाल आयोग के सदस्यों ने निजी स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान दिए हैं। बाल आयोग के सदस्यों ने निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान गड़बड़ियां मिलने पर 3 स्कूलों और 25 बस संचालकों को नोटिस जारी किया गया।
कक्षा छठवीं से आठवीं के बच्चों के कंधों पर 12 किलो वजन तक के बस्ते मिले। बच्चों के बस्ते का वजन 5 किलो से ज्यादा नहीं होने के आयोग ने निर्देश दिए हैं। बच्चों के कंधों से किताबों के बोझ को कम करने का अभियान शुरू हो गया है। आयोग से तीनों स्कूल के बच्चों ने साफ सफाई संबंधी शिकायतें भी की है। आयोग ने स्कूली शिक्षा विभाग को शिकायत की है। नोटिस जारी करने की बात कही है।
एमपी में बीएड -डीएलएड के टीचर्स और स्टूडेंट्स को ब्रेल लिपि सिखाई जाएगी। अनिवार्य रूप से ब्रेल और सांकेतिक भाषा के प्रारंभिक ज्ञान की जानकारी दी जाएगी। प्रदेशभर में करीब 10 हजार शिक्षकों की इसकी ट्रेनिंग कराई जाएगी। हर प्रशिक्षणार्थी को अन्य 5 शिक्षक साथियों और 5 बच्चों को सिखाने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल हर जिले से 2-2 शिक्षकों और मोबाइल स्त्रोत सलाहकारों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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