नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन में विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए योजना को अंजाम देना शुरू हो गया है. 7 मई से शुरू होने वाले अभियान में 13 देशों से 64 फ्लाइट और 3 नौसेना के जहाजों से भारतीयों की वापसी होगी. इसमें विमान से आने वालों को 50 हजार रुपए से एक लाख तक का भुगतान भी करना होगा.

लॉकडाउन की वजह से घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं पर पाबंदी लगी हुई है. मार्च से फंसे भारतीयों को मई में जाकर वापस लाया जा रहा है. इसके लिए विदेश मंत्रालय ने 13 देशों में फंसे 14,800 भारतीयों को पहले हफ्ते में वापस लाने की योजना बनाई है. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि इसके लिए यूएई से 10, कतर से 2, सउदी अरब से 5, यूके से 7, यूएसए से 7, सिंगापुर से 5, फिलीपिन्स से 5, बांग्लादेश से 7, बहरीन से 2, मलेशिया से 7, कुवैत से 5 और ओमान से 2 फ्लाइट चलाई जाएगी. लंदन से मुंबई के अलावा लंदन से अहमदाबाद, लंदन से बेंगलुरु और लंदन से दिल्ली के लिए 50 हजार रुपए लिया जाएगा, वहीं शिकागों से दिल्ली और हैदराबाद के लिए एक लाख रुपए चार्ज किया जाएगा.

इसके अलावा खाड़ी और अन्य देशों से भारतीयों को लाने नौसेना की 14 जहाजों का उपयोग किया जाएगा. इसमें से 3 जहाज माले और यूएई से भारतीयों को लाने के लिए निकल भी पड़ी हैं. हवाई जहाज से आने वाले भारतीयों को किराए के अलावा 14 दिन के क्वारेंटाइन का खर्च भी वहन करना होगा. वापसी में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, मेडिकल इमरजेंसी झेल रहे लोग और घर में बीमार परिजन वालों को प्राथमिकता दी जाएगी.

इस महाअभियान के पहले दिन 10 फ्लाइट के जरिए 2300 भारतीयों को वापस लाया जाएगा, दूसरे दिन नौ देशों से 2050 भारतीयों को, तीसरे दिन भी 2050 लोगों को, चौथे दिन विदेश मंत्रालय के साथ सामंजस्य बनाते हुए आठ अलग-अलग देशों से 1850 भारतीयों को वापस लाया जाएगा. हवाई जहाज में बैठने से पहले यात्रियों की जांच होगी, इसके साथ ही यात्रा करने वाले सभी लोगों को फार्म भरकर स्वास्थ्य विभाग के साथ आवज्रन विभाग को देना होगा, जिसमें सर्दी, खांसी, बुखार की जानकारी देनी होगी.