दिल्ली स्थापना दिवस(Delhi Foundation Day) के अवसर पर शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी को पहली बार अपना आधिकारिक Logo मिलने जा रहा है। यह Logo लाल किले पर होने वाले विशेष समारोह में लॉन्च किया जाएगा। लोगो दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक नगरीय विकास तीनों के मेल को दर्शाएगा। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह लोगो राजधानी की एक एकीकृत पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। भविष्य में इसे सभी सरकारी दस्तावेज़ों, विभागीय ऐप्स, परिवहन सेवाओं, साइन बोर्डों, टूरिज़्म प्रमोशन और आधिकारिक कार्यक्रमों में उपयोग किया जाएगा।

1800 से ज्यादा डिजाइनों में से चुना गया विजेता

यह लोगो MyGovt प्लेटफ़ॉर्म पर आयोजित राष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता के माध्यम से चुना गया। इस प्रतियोगिता में देशभर से 1800 से अधिक डिजाइन आवेदन आए। एक उच्चस्तरीय चयन समिति ने सभी प्रविष्टियों का मूल्यांकन किया, कई चरणों की जांच, समीक्षा और शॉर्टलिस्टिंग की गई, अंतिम मंजूरी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा दी गई. सरकार का कहना है कि विजेता डिजाइन में दिल्ली के इतिहास और नवाचार के सह-अस्तित्व को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया “यह लोगो हमारी पहचान है। यह हमारी विरासत का सम्मान करता है और साथ ही एक प्रगतिशील, आधुनिक दिल्ली की भावना को दर्शाता है।”

अब तक नहीं था लोगो

गौरतलब है कि भारत के अधिकांश राज्यों के पास वर्षों से अपने राज्य प्रतीक मौजूद हैं. जैसे बिहार का बोधि वृक्ष, उत्तराखंड की हिमालय पर्वत शृंखलाएं, महाराष्ट्र का सम्राट शिवाजी राजमुद्रा आदि। लेकिन दिल्ली के पास अब तक कोई एकीकृत और आधिकारिक प्रतीक चिह्न नहीं था। यह पहली बार है जब राजधानी को किसी एक मानक प्रतीक के तहत पहचान मिली है।

डिज़ाइन में क्या होगा खास?

दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतें (जैसे कुतुब मीनार, लाल किला, इंडिया गेट)      विरासत और सभ्यताओं का संयोग

हाल के आधुनिक स्थल (जैसे अक्षरधाम, सिग्नेचर ब्रिज, मेट्रो)             आधुनिकीकरण और प्रगति का संकेत

ऊर्जा और एकता के ग्राफिक तत्व       नागरिक सहभागिता व जीवंत संस्कृति

स्वच्छ शासन और पारदर्शिता की थीम  प्रशासनिक जवाबदेही की पहचान

अन्य राज्यों से प्रेरणा

गौरतलब है कि भारत के कई राज्यों के पास पहले से ही अपने विशिष्ट प्रतीक चिह्न मौजूद हैं। छत्तीसगढ़ का 2001 में अपनाया गया प्रतीक राज्य के नाम के अनुरूप ‘36 किलों’ की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता है। तेलंगाना का प्रतीक चारमीनार सहित ऐतिहासिक स्मारकों पर केंद्रित है, जबकि झारखंड ने 2020 में जारी अपने लोगो में हरियाली, प्रकृति और जनजातीय संस्कृति, खासकर आदिवासी नृत्य को शामिल किया है। इसी क्रम में, दिल्ली का नया प्रतीक चिह्न राजधानी की महानगरीय पहचान और उसकी गहरी ऐतिहासिक जड़ों को एक साथ सामने लाएगा। इससे दिल्ली की प्रशासनिक और सांस्कृतिक पहचान को एकीकृत और सुस्पष्ट रूप मिलेगा।

लाल किले पर भव्य समारोह

1 नवंबर को दिल्ली के साथ देश के 9 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इनमें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और मध्य प्रदेश शामिल हैं। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़, लक्षद्वीप, पुडुचेरी और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह भी इस सूची में हैं।

दिल्ली में शाम 6 बजे से ‘मेरी दिल्ली मेरा देश’ कार्यक्रम आयोजित होगा। इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित लाइट एंड साउंड शो प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा मशहूर गायक बी प्राक का लाइव कॉन्सर्ट भी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा। कार्यक्रम के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है।

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