दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को अहम सुराग मिले हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि आतंकी उमर मोहम्मद की आई-20 कार की मूवमेंट राजधानी के कई मुख्य इलाकों में ट्रैक की गई है। सूत्रों के अनुसार, कार को सबसे पहले कनॉट प्लेस और मयूर विहार जैसे दो बड़े इलाकों में देखा गया था। इसके बाद इसे चांदनी चौक स्थित सुनहरी मस्जिद पार्किंग में पार्क किया गया, जहां विस्फोट हुआ।

जांच एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, उमर मोहम्मद की आई-20 कार को दोपहर करीब 2:30 बजे दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में ट्रैक किया गया था। इसके बाद कार की मूवमेंट मयूर विहार क्षेत्र में भी दर्ज की गई। सुरक्षा एजेंसियां इन दोनों स्थानों के सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस डेटा खंगाल रही हैं ताकि कार के रास्ते और उसमें मौजूद लोगों की पहचान की जा सके। माना जा रहा है कि इन दोनों इलाकों से गुजरने के बाद ही वाहन को चांदनी चौक स्थित सुनहरी मस्जिद पार्किंग में छोड़ा गया, जहां बाद में विस्फोट हुआ।

जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि आतंकी उमर मोहम्मद अपनी आई-20 कार को लेकर दिल्ली के भीड़-भाड़ वाले कई मुख्य इलाकों में घूम रहा था। जांच में सामने आया है कि कनॉट प्लेस और मयूर विहार जैसे व्यस्त क्षेत्रों में कार की ट्रैकिंग हुई थी, जिससे संकेत मिलता है कि हमले से पहले विभिन्न स्थानों की रेकी की जा रही थी।

सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, उमर मोहम्मद ने ब्लास्ट से पहले कई जगहों पर संदिग्ध मूवमेंट दर्ज कराई थी, जिसका उद्देश्य संभावित टारगेट साइट का चयन करना हो सकता है। एजेंसियां अब इन इलाकों के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन डेटा और वाहन की डिजिटल ट्रेल की जांच कर रही हैं, ताकि उसके पूरे नेटवर्क और संपर्कों का पता लगाया जा सके।

हाई ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक का शक

सूत्रों के मुताबिक, धमाके की तीव्रता और क्राइम सीन के बारीकी से मुआयने के बाद जांच एजेंसियों को शक है कि विस्फोट में हाई-ग्रेड मिलिट्री एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया गया हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के पैटर्न और आसपास हुए नुकसान से संकेत मिलता है कि इसमें सामान्य विस्फोटक सामग्री के बजाय अधिक शक्तिशाली सैन्य ग्रेड सामग्री प्रयुक्त हुई हो सकती है।

हालांकि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन एजेंसियों ने इस संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया है। फिलहाल फॉरेंसिक टीमें ब्लास्ट साइट से मिले अवशेषों का रासायनिक विश्लेषण कर रही हैं ताकि उपयोग किए गए विस्फोटक की सटीक प्रकृति का पता लगाया जा सके।

जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि इस पूरे आतंकी मॉड्यूल का संचालन एक मुख्य हैंडलर द्वारा किया जा रहा था, जो फिलहाल विदेश में मौजूद है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह तथ्य इस ओर इशारा करता है कि दिल्ली कार ब्लास्ट की साजिश के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हुए हैं।

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