उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में धर्म छिपाकर सगी बहनों से दोस्ती कर धर्मांतरण का दबाव बनाने के आरोप में शुक्रवार को इंदिरापुरम पुलिस ने युवतियों के भी बयान दर्ज किए। वहीं, दंपती ने भी मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई से इंकार किया है। इसके बाद पुलिस ने युवक को जेल नहीं भेजा।

मूलरूप से बागपत के बड़ौत में रहने वाले दंपती की छोटी बेटी की जान पहचान कम्पनी में एक युवक रजा उर्फ राहुल से हुई थी। दोनों के बीच बातचीत के बाद घर आना-जाना शुरू हुआ। लड़की की मां का आरोप था कि कुछ साल पहले युवक उन्हें जबरदस्ती गांव ले गया। वहां पुश्तैनी मकान 17 लाख रुपये में बिकवा दिया। खाते में पैसे जमा होने के कुछ दिनों बाद वह बैंक गई तो वहां सिर्फ तीन लाख रुपये बैलेंस देखकर होश उड़ गए थे।

घर पर आने जाने के दौरान युवक ने परिवार की दो बेटियों को प्रेम जाल में फंसा लिया। कुछ समय बाद दोनों बेटियों के साथ अलग फ्लैट में रहने लगा. परिजनों ने दोनों लड़कियों को समझा कर घर लौटने को कहा मगर उन दोनों ने किसी की एक न मानी. आखिरकार पिता ने हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं से मदद की गुहार लगाई।

पिता की गुहार पर हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने इंदिरापुरम चौकी पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन पर हरकत में आई पुलिस ने आरोपी लड़के को गिरफ्तार कर लिया था। हिंदू रक्षा दल अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने बताया कि लव जिहाद का मामला सामने आया था।

डीसीपी ट्रांस हिंडन जोन विवेक चंद्र का कहना है कि दोनों युवतियों के बयान दर्ज किए गए। उसमें दोनों ने कहा कि युवक का नाम और धर्म सही है। पूर्व से ही परिवार के लोगों को उसके बारे में जानकारी थी। धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने की कोई घटना नहीं है। पारिवारिक कलह और परेशान करने की वजह से मां और पिता ने तहरीर दी थी। अब माता और पिता भी अपने आरोप से मुकर गए है, जिस आधार पर आरोपी को जेल नहीं भेजा गया है। पूरा मामला पारिवारिक था, जिसे हाई लाइट करने को लव जेहाद का रूप दिया गया था।