उदयपुर. संभाग के सबसे बड़े आरएनटी मेडिकल कॉलेज में राजस्थान का तीसरा सरकारी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर खोलने की योजना टेंडर प्रक्रिया में विवाद के कारण अटक गई है. दो कंपनियों के बीच विवाद के चलते मामला कोर्ट में पहुंच गया है, जिसके बाद सरकार ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि जल्द ही नई टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

आरएनटी प्रशासन ने इस सेंटर को शुरू करने के लिए भवन और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था पूरी कर ली है. यह सेंटर संभाग के हजारों निसंतान दंपतियों के लिए वरदान माना जा रहा है. मशीनरी और उपकरणों के लिए टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन कंपनियों के बीच विवाद के बाद मामला कोर्ट में चला गया, जो अभी विचाराधीन है. चिकित्सा विभाग के अनुसार, यह सेंटर शुरू होने पर राजस्थान का तीसरा सरकारी IVF सेंटर होगा, जो गरीब दंपतियों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करेगा.

गरीब दंपतियों के लिए उम्मीद की किरण

राजकीय जनाना महिला चिकित्सालय में कई ऐसे निसंतान दंपती हैं, जो निजी IVF सेंटरों के 3 से 8 लाख रुपये के भारी-भरकम खर्च को वहन नहीं कर पाते. उनके लिए यह सरकारी सेंटर मुफ्त इलाज की सुविधा के साथ एक बड़ा सहारा साबित होगा.

उदयपुर में IVF सेंटर की जरूरत क्यों? 

  • संभाग में निसंतान दंपतियों की संख्या अधिक है. 
  • निजी IVF सेंटरों में इलाज का खर्च 3 से 8 लाख रुपये तक है. 
  • सरकारी सेंटर में मुफ्त सुविधा उपलब्ध होगी. 
  • यह निसंतान दंपतियों को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक राहत देगा.