पंजाब/नई दिल्ली। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने दद्दूमाजरा डंपसाइट में 7.7 लाख मीट्रिक टन कचरे के उपचार के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रस्तुत 28.5 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. यूटी (यूनियन टेरेटरी) प्रशासन के अनुसार, इस पहल से चंडीगढ़ के निवासियों को बीमारियों और कचरे की दुर्गंध से राहत मिलने की उम्मीद है और यह सुनिश्चित होगा कि शहर जल्द ही 5-स्टार कचरा मुक्त होने की राह पर है. स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तत्वावधान में वर्ष 2021 में कचरा मुक्त शहरों के लिए हाल ही में संपन्न स्टार रेटिंग आकलन में चंडीगढ़ को 1-स्टार कचरा मुक्त के रूप में प्रमाणित किया गया है.

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चंडीगढ़ के एकमात्र डंपसाइट की जमीन का मूल्य लगभग 80 करोड़ रुपए

इसे सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज 2021 में ‘बेस्ट परफॉर्मिंग यूटी’ जीतकर ‘मेनहोल को मशीन होल’ में बदलने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए भी मान्यता मिली है. दशकों तक शहर का कचरा दद्दूमाजरा डंपसाइट तक जाता था, जिसमें अब लगभग 7.7 लाख मीट्रिक टन विरासत कचरा होने का अनुमान है. स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के हिस्से के रूप में यूटी ने मिशन अवधि के भीतर ‘लक्ष्य शून्य डंपसाइट’ प्राप्त करने का संकल्प लिया है और दद्दूमाजरा के हिस्से के रूप में 8 एकड़ भूमि पर पड़े 7.7 लाख मीट्रिक टन कचरे को हटाने की चुनौती ली है. चंडीगढ़ के सबसे बड़े और एकमात्र डंपसाइट की जमीन का मूल्य लगभग 80 करोड़ रुपए है और अब डंपसाइट को पूरी तरह से ठीक करने और शहर के निवासियों को स्वस्थ भविष्य देने के प्रयास चल रहे हैं.