केंद्र सरकार ने 1988 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी अनीश दयाल सिंह को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है। मणिपुर कैडर के IPS अधिकारी अनीश दिसंबर, 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे। अब वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मामले में NSA अजित डोभाल के साथ काम करेंगे। उनकी नियुक्ति ऐसे समय हुई है, जब देश को कई क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश में हुआ था अनीश सिंह का जन्म

बता दें कि, वरिष्ठ आईपीएस अनीश का जन्म 9 दिसंबर, 1964 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। यहां से शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद 1988 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हो गया था। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में पुलिस अधिकारी के रूप में प्रशिक्षण लिया। उन्होंने करियर की शुरुआत मणिपुर कैडर के IPS अधिकारी के रूप में की थी। उनके भाई सौमित्र दयाल सिंह इलाहाबाद हाई कोर्ट में जज रहे हैं।

इन महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं अनीश

अनीश को सुरक्षा से जुड़े मामलों का व्यापक अनुभव है। वे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के महानिदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। CRPF के DG के रूप में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में भी लंबे समय तक रह चुके हैं। अगस्त 2024 में उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था।

नक्सलवाद से निपटने में निभाई है अहम भूमिका

CRPF प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अनीश ने कई अहम पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें नक्सलवाद से निपटने में CRPF की प्रगति, 3 दर्जन से अधिक अग्रिम परिचालन अड्डे स्थापित करना और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 4 नई बटालियनों की शुरुआत करना। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पहले विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने में CRPF की भूमिका का भी नेतृत्व किया था।

अनीश ने की थी CRPF बटालियनों के पुनर्गठन की पहल

अनीश ने 130 से ज्यादा CRPF बटालियनों के पुनर्गठन की पहल की थी। यह 8 सालों में इस तरह का पहला पुनर्गठन था, जिसका मकसद परिचालन दक्षता में सुधार और सैनिकों को अधिक पारिवारिक समय प्रदान करना था। इससे इकाइयों और उनके केंद्रों के बीच की औसत दूरी 1,200 किलोमीटर से घटकर 500 किलोमीटर रह गई थी। उन्होंने फीडबैक के लिए कंपनी कमांडरों के साथ संवाद सत्र भी शुरू किए थे।

जम्मू कश्मीर में निभाई खास भूमिका

बता दें कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पहले विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने में सीआरपीएफ की भूमिका की भी देखरेख की।

उल्लेखनीय है कि पूर्व रॉ प्रमुख राजिंदर खन्ना अतिरिक्त एनएसए हैं, जबकि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी टीवी रविचंद्रन और पूर्व आईएफएस अधिकारी पवन कपूर दो सेवारत उप एनएसए हैं।

उप NSA के तौर पर कैसी होगी अनीश की भूमिका?

उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में सिंह का कार्यभार आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का प्रबंधन करना है, जिसमें जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे संघर्ष-ग्रस्त और उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वे पूर्व R&W प्रमुख राजिंदर खन्ना (अतिरिक्त NSA), IPS अधिकारी टीवी रविचंद्रन और पूर्व IFS अधिकारी पवन कपूर सहित अन्य वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ काम करेंगे। 3 दशक से भी ज्यादा लंबे करियर को देखते हुए अनीश को ये जिम्मेदारी मिली है।

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