पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद. गरियाबंद जनपद के नाराज सदस्यों ने सीईओ और अध्यक्ष पर राशि गबन करने का आरोप लगाया है. उपाध्यक्ष प्रवीण यादव की अगुवाई में विरोध कर रहे जनपद सदस्यों ने बिना एजेंडा में रखे लाखों की राशि जारी करने का आरोप लगाया है. नाराज सदस्यों ने जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपकर राशि की रिकवरी कर कार्रवाई की मांग की है. हालांकि जिस तरह के आरोप उपाध्यक्ष ने अध्यक्ष पर लगाएं हैं वैसे ही आरोप अध्यक्ष ने भी उपाध्यक्ष पर मढ़ दिए हैं.

गरियाबंद जनपद पंचायत के नाराज सदस्यों ने आज जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. ज्ञापन में उपाध्यक्ष, सभापति सहित कुल 8 जनपद सदस्यों के हस्ताक्षर मौजूद हैं. नाराज जनपद सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष ने बिना सामान्य सभा के प्रस्ताव और एजेंडे में रखे लाखों रुपये का भुगतान किया है.

नाराज सदस्यों के मुताबिक जनपद अध्यक्ष ने स्वच्छता पुरस्कार में मिली 25 लाख और 13 वें वित्त की 40 लाख की राशि को सामान्य सभा के बिना प्रस्ताव के ही कुछ पंचायतों के लिए स्वीकृत कर दिया.

वहीं जनपद अध्यक्ष ने भी उपाध्यक्ष पर पलटवार करते हुए वैसे ही आरोप उपाध्यक्ष पर लगाए है, जैसे आरोप उपाध्यक्ष एवं उसके साथियों ने अध्यक्ष पर लगाएं हैं. जनपद अध्यक्ष के मुताबिक उपाध्यक्ष ने दीवाली खरीदी के नाम पर 3 लाख से अधिक की रकम आहरण की है.

हालांकि जनपद सीईओ केके डहरिया सब कुछ नियम कायदे के तहत होने का दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो आरोप उपाध्यक्ष एवं उसके साथियों ने अध्यक्ष पर लगाएं है वह भी सही नहीं है. अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष पर राशि आहरण का जो आरोप लगाया है वह भी सही नहीं है. सब कुछ नियम के तहत किया गया है. उन्होंने दावा किया कि जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा.