रोहित कश्यप,मुंगेली. संविदा कर्मियों की रथ यात्रा 15वें दिन मुंगेली पहुँची. बिलासपुर के बाद आज बिलासपुर से रथयात्रा मुंगेली के लिए रवाना हुई. जिला मुंगेली के सीमा प्रारम्भ ग्राम पंचायत बरेला से ही रथ की शुरूआत आतिशबाजी कर बाजे गाजे के साथ किया गया. भारी संख्या में बाईक रैली के साथ संविदा कर्मियों ने रथयात्रा का जोरदार स्वागत किया और मुंगेली की ओर अग्रसर हुए. रथ यात्रा के दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि नियमितिकरण वादे को पूरा नहीं किया जाना गैर लोकतांत्रिक है.
तिवारी ने कहा, साढ़े चार साल बाद भी जन घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा नही किए जाने के कारण शासन प्रशासन को ध्यानाकर्षण के लिए संविदा नियमितिकरण रथयात्रा निकाल रहे हैं, जो 16 मई से जांजगीर चांपा के शिवरीनायण से होते हुए बिलासपुर संभाग के जिले एवं सरगुजा संभाग के जिलों से होकर 33 जिला के कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का संकल्प लेकर निकाली गई है.
श्रीकांत लास्कर प्रदेश सचिव ने कहा, संविदा कर्मचारियों की स्थिति डार के चुके बेन्दरा- अषाढ़ के चुके किसान की भांति हो गई है. जन घोषणा पत्र में जो वादा किया गया है कि समस्त अनियमित संविदा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमितीकरण की कार्यवाही की जाएगी एवं किसी की छटनी नही की जाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां पर जन घोषणा का अपमान एवं मुख्यमंत्री के वचनों को दरकिनारे किया जा रहा है. नियमितीकरण तो दूर संविदा कर्मचारियों को नवीन सीधी भर्ती में न ही संविलियन किया किया जा रहा न किसी प्रकार से प्राथमिकता अथवा आयु सीमा में छूट दी जा रही है.
जिला संयोजक ताकेश्वर साहू ने कहा कि नियमितीकरण के लिए समिति का गठन किया गया है. साथ ही नियमितीकरण के संबंध में सभी विभागोें के कार्यालय से जानकारी चली गई है. बार-बार विधानसभा में भी प्रश्न-उत्तोरी की गई है. मुख्यमंत्री प्रचार-प्रसार के माध्यम से नियमितीकरण की बात निरंतर कर रहे, लेकिन कार्यवाही आपेक्षित है. न जाने किस कारण से संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण से वंचित रखा जा रहा है.
मनीष तम्बोली ने कहा, इन चार सालों में संविदा कर्मचारियों का वेतन वृद्वि भी नही किया गया है, जबकि वित्त विभाग का कहना था नियमित कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते के बाद वेतन वृद्वि किया जाएगा. संविदा कर्मचारियो के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.
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