बिलासपुर। वित्त विभाग द्वारा जारी मई माह में एक दिन के वेतन कटौती आदेश का लिपिक संघ ने विरोध किया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा की समस्त कर्मचारी मार्च माह में वेतन देकर सहयोग कर चुके है. वर्तमान में दोबारा वेतन कटौती के आदेश प्रसारित करने से पूर्व संघ की सहमति नहीं ली गई. आदेश में वेतन कटौती के लिए कर्मचारी की सहमति लेना है और नहीं स्पष्ट नहीं है. संघ की मांग है की बिना सहमति के वेतन ना काटा जाए कटौती स्वैच्छिक होनी चाहिए ना की जबरिया.

रोहित तिवारी ने बताया कि वर्तमान में जुलाई 2019 से कर्मचारियों का महगाई भत्ता लंबित है. जिसके कारण कर्मचारियों को प्रतिमाह न्यूनतम 2000 से अधिक का नुक़सान हो रहा है. लिपिक वर्ग के कर्मचारियों का वेतन बहुत ही कम है. ऐसे में उनपर जबरिया वेतन कटौती का भार दिया जाना उचित नहीं वेतन कटौती स्वैच्छिक होने पर इस समस्या का समाधान होगा. संघ ने चेतावनी दी कि यदि जबरिया कटौती की गई तो सड़क पर उतर कर संघ पुरजोर विरोध करेगा.