कपिल मिश्रा, शिवपुरी। मध्य प्रदेश में आई बाढ़ ने अपने साथ लोगों के सपने भी बहा ले गई. लोगों के रहने के आशियाने और खाने के एक-एक अन्न के दाने के लिए मोहताज हो गए हैं. लोग शासन-प्रशासन से मदद की आस के लिए उनका बाट जोह रहे हैं कि आखिर कब कोई आएगा और उनके आंखों से आंसू पोछेगा. कई दिन बीत जाने के बाद भी जब कोई नहीं आया तो शिवपुरी जिले के बाढ़ पीड़ित लोगों खुद गुहार लगाने के लिए कलेक्ट्रेट गए. जहां पीड़ितों के साथ कलेक्टर साहब का आमनवीय चेहरा सामने आया है, जिसे देखकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.

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दरअसल, शिवपुरी जिले में बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया है. जहां मदद की दरकार लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट ऑफिस कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने गुहार लगाने गए, लेकिन कलेक्टर साहब का संवेदनहीन रवैया सामने आया है. यहां बैराड़ के टोरिया ग्राम की एक बुजुर्ग महिला ने प्रशासन की नाकामियों से पर्दा उठाने लगी तो, कलेक्टर ने अपनी मौजूदगी में सुरक्षाकर्मियों से उसे अर्द्ध नग्न अवस्था में बाहर फेंकवा दिया. मानवता को शर्मसार कर देने वाले इस कृत्य को कलेक्टर साहब देखते रहे. इतना ही नहीं इस घटना में महिला जख्मी हो गई. उसके पैर से खून बहने लगा. बावजूद इसके अधिकारी अपनी क्रूरता की चरम सीमा को पार करते रहे.

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आपको बता दें कि जिले में भारी बारिश और बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई. जिससे लोगों का सबकुछ बर्बाद हो गया है. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि न सरकार की तरफ से उन्हें कुछ मदद मिला है और न ही प्रशासन ने उनकी कोई सहायता की है. हालातों से परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पर आकर प्रदर्शन किया. कलेक्टर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते हुए जिले के पोहरी विधानसभा के ग्राम ऐंचवाड़ा के ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि अति बारिश से उनका भारी नुकसान हुआ है. खाने तक के लाले और उन्हें भोजन तक नहीं मिल रहा. परेशान ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर अनदेखी के आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया ने कहा कि बीजेपी का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है. महिला ने बाड़ पीड़ितों के हितों की मांग करने पर पशुओं जैसा बर्ताव कर सिद्ध कर दिया कि बीजेपी के राज्य में महिलाएं हों या कोई और हो कोई सुरक्षित नहीं है, न उनका सम्मान है. यही बीजपी का असली चरित्र है.

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