रायपुर। पहले तो आप इस तस्वीर को देखिए. ठहर कर और जी भर कर देखिए. क्योंकि इस तस्वीर में सारी कहानी है. कहानी जिसे शायद भूल गए हो, दर्द जो याद न हो, जख्म शायद अब जो भरे नहीं. ये कहानी वहीं कही है, उस गाँव की, उस परिवार की है. जिसने झीरम में अपना सबकुछ खो दिया. जी हाँ ये दृश्य , ये कहानी, ये जख्म, ये आंसु नंदेली गाँव में नंदकुमार पटेल के परिवार के यहाँ की.

स्वागत भला किसी नेता का इसी तरह कहाँ होता है, जहाँ आंखों में खुशी भी है, तो आंसु भी, दर्द भी है और पटेल का सपना भी. पटेल की इसी अधूरे सपने को पूरा करने की कोशिश में है कांग्रेस पार्टी.  सड़क पर डली रंगोगी, हाथों में फूलों की हार, नारियल और जुबाँ पर जिंदाबाद-जय-जयकार. ये भीड़, ये जनसमूह ये तस्वीर प्रदेश कांग्रेस की पदयात्रा की है. ये तस्वीर जन अधिकार यात्रा की है. ये तस्वीर है पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल की, ये तस्वीर है नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव की और ये तस्वीर है नंदेली के गाँवों वालों की है.

दअरसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की पदयात्रा का समापन आज नंदकुमार पटेल के गाँव नंदेली में हुआ. जैसी ही पदयात्रा नंदकुमार के गाँव पहुँची झीरम के जख्म हरे हो गए हैं. भारी भीड़ के बीच महिलाओं की आंखें नम हो गई है. नंदकुमार अमर रहे के नारे के बीच सारा महौल गूँज उठा.  नारे यह भी लगे पटेल जी हम शर्मिंदा है, झीरम के कातिल जिंदा है.
इन नारों के बीच यह भी संकल्प गूँजा…पूरे होंगे पटेल के सपने, सबके जन-मन होगा, अबकी बार बस परिवर्तन होगा.