नई दिल्ली . पानी के संकट पर भाजपा ने एक बार फिर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाया. गुरुवार को दिल्ली भाजपा की तरफ से आयोजित प्रेसवार्ता में नई दिल्ली से पार्टी की सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास पानी की बर्बादी और चोरी रोकने का कोई प्लान नहीं है. मुख्य पाइप लाइन खस्ता हाल है. दिल्ली सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा पड़ोसी राज्य पर फोड़ने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब सरकार को पता था कि इस बार भीषण गर्मी होगी और उसमें पानी की मांग भी बढ़ना स्वभावित था तो ऐसी स्थिति में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी योजना बननी चाहिए थी. मौजूदा स्थिति में दिल्ली को समझौते के तहत पूरी पानी मिल रहा है, लेकिन पानी की चोरी और बर्बादी के चलते आपूर्ति प्रभावित है. दिल्ली सरकार की जल मंत्री लगातार कहती आ रहीं हैं कि हिमाचल प्रदेश हमें अतिरिक्त जल देना चाहता है, लेकिन हरियाणा सरकार पूरा पानी उपलब्ध नहीं करा रही है. अब इन आरोपों की पोल खुल गई है.
सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश की सरकार ने कहा हमारे पास कोई अतिरिक्त जल नहीं, वहीं हरियाणा ने भी कोर्ट को संतुष्ट किया है कि वह पूरा जल दिल्ली को दे रहा है.
बांसुरी स्वराज ने कहा कि शीला दीक्षित सरकार में दिल्ली जल बोर्ड 600 करोड़ के लाभ में था, जो अब 73000 करोड़ के घाटे में पहुंच गया है. इस पर मंथन होनी चाहिए. आखिकरकार दस वर्ष में इतने घाटे में कैसे चला गया. आज दिल्ली में पानी वितरण का नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हो चुका है. पाइप लाइन की हालत खस्ता है. यही कारण है कि आज दिल्ली में लगभग 52 फीसदी पानी बर्बाद हो रहा है. सरकार मुफ्त में पानी देने का वादा तो करती है, लेकिन इसके साथ में अगर जल बोर्ड की सेहत ठीक करने पर काम करती तो आज यह स्थिति नहीं होती.
‘सीएम ने जेल से बाहर रहते एक शब्द नहीं बोला’
भाजपा ने दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जल मंत्री आतिशी मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहती हैं कि मुख्यमंत्री को दिल्ली में पानी के संकट को लेकर काफी चिंता है, जबकि सीएम 12 मई से दो जून तक अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर थे, उस दौरान उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला. अब जब सुप्रीम कोर्ट ने पानी की लीकेज और टैंकर माफियाओं द्वारा चोरी पर फटकार लगाई तो उन्हें दिल्लीवालों की चिंता सता रही है. आज मंत्री ने केवल मुख्यमंत्री का संदेश ही नहीं पढ़ा. साथ में जमीनी निरीक्षण के दावे भी करने शुरू कर दिए हैं. इससे पता चलता है कि दिल्ली में जल संकट दिल्ली सरकार की नाकामी का ही नतीजा है.
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