रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के रिटायर्ड आईएएस डॉ आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति का विरोध किए जाने पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. इसे डॉ. शुक्ला का नहीं बल्कि प्रदेश में बेहतर होती शिक्षा व्यवस्था के प्रति विरोध बताया है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह ने बयान जारी करके कहा कि प्रदेश में 15 वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही और स्वयं धरमलाल कौशिक जिम्मेदार पदों पर रह चुके हैं. आखिर क्या वजह है कि पूरे प्रदेश में भाजपा की सरकार एक भी अंग्रेजी स्कूल नहीं बना सकी. राज्य में स्कूली शिक्षा व्यवस्था इस कदर लचर रही कि प्रदेश की जनता ने धीरे-धीरे सरकारी स्कूलों से मुंह मोड़ना प्रारंभ कर दिया और नतीजा यह हुआ कि राज्य में निजी स्कूलों का जाल फैलता गया और सरकारी स्कूली शिक्षण संस्थाएं लगातार कमजोर होती चली गई.

उन्होंने सवाल किया कि क्या यह साजिश नहीं थी निजी शिक्षण संस्थाओं को मजबूत करने की और सरकारी शिक्षण संस्थाओं को कमजोर करने की? क्या यह साजिश नहीं थी उन मध्यमवर्गीय गरीब परिवार के बच्चों के खिलाफ जिन्हे महंगी स्कूली शिक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं है. क्या यह प्रदेश के भविष्य के साथ साजिश नहीं थी कि बच्चों का अच्छा शैक्षणिक करियर ही ना बन सके. आखिर क्यों भारतीय जनता पार्टी यह चाहती थी कि प्रदेश के होनहार बच्चे सिर्फ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ही बनकर सिमट जाए.

आरपी सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए क्या वह राज्य में इस शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ हो रहे 40 अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के पक्ष में है या खिलाफ में. साथ ही यह भी स्पष्ट करना चाहिए क्या छत्तीसगढ़ के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा मिलनी चाहिए या नहीं.

नेता प्रतिपक्ष का बयान तो यही संदेश देता है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य की बेहतर होती शैक्षणिक व्यवस्था के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा के किसी भी नेता का किसी अधिकारी के संविदा नियुक्ति पर सवाल उठाना शोभा नहीं देता है. जिस भारतीय जनता पार्टी की पूरी सरकार ही संविदा पर पदस्थ रहे अधिकारी और कर्मचारी चलाते रहे हो.