पवन दुर्गम, बीजापुर। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा के आरोप पर बीजापुर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ज्योति कुमार पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता से पूरी तरह नकारे जाने के बाद महेश गागड़ा को ज़िले में भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है, जबकि सच्चाई यह है की महेश गागड़ा भाजपा और उनकी पूरी टीम बीजापुर में लगातार 10 वर्ष और प्रदेश में 15 वर्षों तक पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त थी. अब गागड़ा और भाजपा ख़ुद ही भ्रष्टाचार में संलिप्त ठेकेदार व भाजपा जिला महामंत्री गोपाल पवार के साथ प्रेस वार्ता कर भ्रष्टाचार की बारे कह रहे है. जबकि ठेकेदार व भाजपा के महामंत्री गोपाल पवार ने कुएनार से एरमनार को जोड़ने वाली PMGSY की सड़क का काम आज तक प्रारम्भ नहीं किया और लगभग एक करोड़ पच्चीस लाख रुपए आहरण भी कर लिए. सड़क अब तक नहीं बना पाया, ये भी भाजपा के शासनकाल में हुआ है ऐसे कई उदाहरण ज़िले में देखने को मिलेंगे.

पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा को लगता है कि PMGSY की सड़कों में भ्रष्टाचार हुआ है तो प्रमाण सहित प्रशासन को शिकायत करनी चाहिए. जिन सड़कों का उल्लेख गागड़ा ने प्रेसवार्ता में किया है, वे सभी सड़के उनके स्वयं के कार्यकाल के थे और उन्ही के कार्यकाल में ठेकेदारों को सड़क निर्माण के कार्य दिए गए थे. हमेशा भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व वन मंत्री क्षेत्र की जनता को ये भी बताएँ कि उनके दस वर्ष की विधायिकी सहित मंत्री के रूप में और पंद्रह वर्ष के भाजपा के शासनकाल में कितने भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही की है. जबकि सच्चाई यह है की पिछले पंद्रह सालों तक पूर्व वन मंत्री ने भाजपा और उनकी टीम के साथ क्षेत्र के किसान, मज़दूर, ग़रीबों और ज़रूरतमंदो का शोषण करने में कोई कोर कसर नहीं छोडा है. जिसका नतीजा ये रहा की विधान सभा चुनावों से लेकर पंचायत स्तर तक के चुनावों में भाजपा को क्षेत्र की जनता ने वोट के ज़रिए करारा जवाब दिया है और भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया है.

पूर्व मंत्री महेश गागड़ा का बड़ा आरोप, PMGSY योजना में नेता और अधिकारियों ने डकारे करोड़ों रुपए 

बीजापुर की जनता भाजपा के झूठे वादे और जुमलेबाज़ों को समझ चुकी है. अब लोग भाजपा के झूठे आरोप और झूठे वादों में फँसने वाले नहीं है. उल्टे केंद्र की मोदी सरकार प्रदेश की जनता के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है और मोदी सरकार की जितनी भी योजनाएँ है उन योजनाओं में किसानों, मज़दूरों, ग़रीबों और जरूरतमंदो का कोई स्थान नहीं होता है. उनकी योजनाएँ केवल अमीरों और पूँजीपतियों को ध्यान में रख कर बनायी जाती है, जबकि प्रदेश की भूपेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ किसानों, मज़दूरों, ग़रीबों और ज़रूरतमंदो को ध्यान में रख कर बनाई जा रही है. इन योजनाओं का सीधा लाभ किसानों, मज़दूरों, ग़रीबों और ज़रूरतमंद लोगों को शतप्रतिशत मिल रहा है भूपेश सरकार से प्रदेश और क्षेत्र की जनता में एक नई उम्मीद जागी है और नई सरकार से लोग ख़ुश है. पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा अपनी हार को आज तक पचा नहीं पा रहे है. इसलिए वे केवल मीडिया में बने रहने के लिए बयानबाज़ी करने में लगे हुए है.