आशुतोष तिवारी, रीवा। देशवासियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, अब भारत का संविधान प्राचीन भाषा संस्कृत में भी पढ़ा और समझा जा सकता है। संविधान का अनुवाद संस्कृत में हो गया है। संविधान का अनुवाद करने वाली टीम में विंध्य से डॉ रविशंकर द्विवेदी भी शामिल हैं। डॉ रविशंकर केंदीय संस्कृति विश्वविद्यालय मुख्यालय नई दिल्ली में सेवारत है।
द कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया का संस्कृति भाषा में अनुवाद कर कुल 411 पेज में “भारतस्य संविधानम्” 2024 का निर्माण किया गया है। एक इत्तेफाक है कि भारत के संविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने विंध्य के प्रधानमंत्री कैप्टन अवधेश प्रताप सिंह और विंध्य के पहले मुख्यमंत्री शंभूनाथ शुक्ल को शामिल किया था। अब संविधान को संस्कृति अनुवाद के लिए गठित टीम में डॉक्टर रविशंकर द्विवेदी शामिल है। इससे विंध्यवासी गौरव महसूस कर रहे है। कैप्टन अवधेश प्रताप सिंह और डॉक्टर रविशंकर द्विवेदी ये दोनों ही सतना जिले की रामपुर बघेलान विधानसभा के मूल निवासी है।
डॉक्टर रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि भारत के संविधान की इंग्लिश कॉपी से संस्कृति में अनुवाद के लिए राष्ट्रीय अनुवाद मिशन भारतीय भाषा संस्थान मैसूर कर्नाटक द्वारा 10 सदस्यीय टीम गठित की गई थी। जिसमें डॉक्टर रविशंकर भी शामिल है। माध्यम वर्गीय डॉक्टर रविशंकर द्विवेदी ने झंड गांव की स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। इसके बाद भारत की प्राचीन भाषा संस्कृति से प्रेरित पिता रोशनलाल ने रविशंकर को गुरुकुल परंपरा की स्कूल में दाखिला करा दिया। रोशनलाल द्विवेदी एल.आई.सी एडवाइजर के रूप में कार्यरत है। डॉक्टर रविशंकर द्विवेदी के अनुवादक टीम में शामिल होने से विंध्य के लोग गौरान्वित है।
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