धीरज दुबे,कोरबा. पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष चरणदास महंत ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनपढ़ बताते हुए वर्तमान राजनीति में छिछोरापन शामिल होनी की बात कही है. महंत आज संकल्प शिविर में शिरकत करने  कोरबा पहुंचे हुए थे. चरणदास महंत ने कहा कि कल तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सड़क में स्कूटर से घूमते नजर आते थे. आज बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी वाहवाही लूटने के लिए नेहरू परिवार और राहुल गांधी की पीढ़ी से सवाल पूछते हैं. इनको वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं क्योंकि यह लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं. और ना ही इनको इतिहास की जानकारी है.

आदिवासी समाज से बात चल रही

पत्थलगढ़ी को लेकर आदिवासी नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में महासम्मेलन और कांग्रेस और भाजपा की अनदेखी की वजह से 90 विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज द्वारा चुनाव लड़ने की तैयारी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद अधिकतम समय भाजपा की सरकार रही है. और भाजपा के द्वारा आदिवासी समाज पर अन्याय हुआ है.

जिसकी वजह से लोग आक्रोशित हैं. कांग्रेस पार्टी की आदिवासी समाज से बात चल रही है और बात होने के बाद उन्हें पर्याप्त सीट दी जाएगी. और पत्थलगढ़ी उनकी संवैधानिक अधिकार की बात है और कांग्रेस उनके साथ है. सरकार की उदासीनता की वजह से पत्थलगढ़ी आदिवासियों की आक्रोश से उपजा एक जनसैलाब है.

मुख्यमंत्री बनने पर टिप्पणी करना ठीक नहीं..

कांग्रेस पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गठबंधन से पाली तानाखार सीट बंटवारे को लेकर चरणदास महंत ने कहा कि वर्तमान में रामदयाल उइके वहां से विधायक हैं. जब समझौते की बात अंतिम रूप ले लेगी तब कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा सीटों का बंटवारा होगा. कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री का चेहरा क्या चरणदास महंत भी होंगे इस सवाल के जवाब पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बारे में किसी प्रकार की टिप्पणी करना ठीक नहीं है.  क्योंकि राष्ट्रीय महामंत्री पुनिया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर चुनाव सामुहिक जिम्मेदारी के साथ लड़ा जाएगा. और मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी आलाकमान तय करेगी. छत्तीसगढ़ में सुविधाओं को लेकर पुलिस विभाग द्वारा प्रदर्शन की अनुमति मांगी गई है इस पर कांग्रेस का क्या रुख है इस सवाल का जवाब पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मैं मध्यप्रदेश सरकार में गृह मंत्री था तब पुलिस का एक भी परिवार आक्रोशित नहीं था.

हाथियों के उत्पात के मामले पर भी महंत ने कहा..

लेकिन छत्तीसगढ़ बनने के बाद नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई लड़ने के बावजूद पुलिस विभाग को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दिया जा रहा है. व्यवस्था नहीं सुधरी है और ना ही जीवन यापन के लिए उनको सुविधाएं दी जा रही है. तो आक्रोशित होना लाजमी है मुख्यमंत्री को देखना चाहिए कि यह सब ठीक नहीं है. जिले में लगातार हाथियों के आतंक से इंसानी मौत पर चरण दास महंत ने कहा कि हमारी सरकार ने जंगल में खेती-बाड़ी करने वाले और रहने वाले लोगों को  अनुकूल जगह पर पट्टा दिया था.  जहाँ  हाथी नहीं आते थे  लेकिन हाथियों के रहने की जगह पर  वर्तमान सरकार ने कोयला खदान की अनुमति दे दी जिसकी वजह से हाथी इंसानों तक पहुंच रहे हैं. जबकि उनके लिए अलग से हाथी अभ्यारण बनवाने की बात कही गई थी जो अब तक पूरी नहीं हुई है.