कुमार इंदर, जबलपुर। शहर के लम्हेटा घाट में जियोलॉजिकल पार्क की स्थापना को लेकर केन्द्रीय खान मंत्रालय के भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। जबलपुर सांसद राकेश सिंह का कहना है कि, भू-गर्भ शास्त्र (जियोलॉजी) की दृष्टि से जबलपुर मध्यप्रदेश या देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह जबलपुर को प्रकृति की अनुपम देन है। लम्हेटाघाट पांच हजार वर्ग किमी का क्षेत्र है। इसलिये यह दुनियाभर में लम्हेटा फॉर्मेशन के नाम से जाना जाता है।
बता दें कि 1928 में पहली बार विलियम स्लीमन ने यहां से डायनासोर का जीवाश्म इक_ा किया था। इसलिए लम्हेटा फॉर्मेशन (या इन्फट्र्रापोअन बेड्स) की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। यह जियो हेरिटेज साइट है और अब तो यूनेस्को ने भी इसे जियो हेरिटेज साइट के रूप में माना है।
सांसद राजेश सिंह का कहना है कि मेरी हमेशा कोशिश रही है कि इस स्थान पर एक ऐसी संरचना का निर्माण हो जो शैक्षणिक दृष्टि के साथ-साथ पर्यटन एवं संस्कृति की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो। सांसद ने कहा कि जबलपुर के लम्हेटाघाट में जियोलॉजिकल पार्क की स्थापना हो, इस दिशा में लम्बे समय से कोशिश जारी थी। जिसका नतीजा है कि, केन्द्रीय खान मंत्रलय के भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सांसद सिंह का कहना है कि देश के पहले इस जियोलॉजिकल पार्क की स्थापना का काम मध्यप्रदेश शासन पर्यटन विभाग के माध्यम से कराया जायेगा। जिसकी भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग खान मंत्रलय द्वारा स्वीकृति पत्र जारी कर दिया गया है।
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