सत्यपाल सिंह,रायपुर। नया रायपुर के इंद्रावती भवन में कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है. इसके बावजूद नियमों का उल्लंघन कर बसों में 33 प्रतिशत की जगह 100 प्रतिशत कर्मचारियों से कार्यालय भेजा जा रहा है. जिससे बसों में भारी भीड़ इकठ्ठा हो रही है. ऐसे में कोरोना का खतरा ज्यादा बढ़ गया है. यदि व्यवस्था नहीं सुधारी गई, तो संयुक्त मोर्चा संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के सीईओ से बसों की संख्या में तत्काल वृद्धि करने की मांग की है.

संयुक्त मोर्चा इंद्रावती भवन के कर्मचारियों ने बताया कि आज स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा एवं आर्थिक सांख्यिकीय विभाग के तीन कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले है. जिससे इंद्रावती भवन में दहशत का माहौल है. सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 33 प्रतिशत कर्मचारियों से कार्यालय संचालित करने का निर्णय लिया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में समस्त विभागाध्यक्ष को निर्देश भी जारी किया है, लेकिन कई विभाग के विभागाध्यक्ष इस आदेश का खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है. कमचारियों को मौत के मुंह में धकेल रहे है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. बसों में भीड़ को देखकर इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि आने वाले समय में शत प्रतिशत अधिकारी – कर्मचारी करोना से संक्रमित मिलेंगे.

आज मंत्रालय में सचिव सामान्य प्रशासन विभाग डीडी सिंह एवं सीईओ एनआरडीए अंकित आनंद से भेंटकर बसों की संख्या में तत्काल वृद्धि करने की मांग की है. सरकार यदि बसों में पर्याप्त वृद्धि नहीं करेगी, तो मोर्चा एक दिन सामूहिक अवकाश लेकर व्यवस्था के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगी. मोर्चा ने शत प्रतिशत अधिकारियों की ड्यूटी पर भी विरोध दर्ज कराया है. आईएएस अधिकारियों की भांति राजपत्रित अधिकारियों को भी वर्क फ्रॉम रूम के लिए प्रेरित करना चाहिए. देश के प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में भी स्पष्ट कर चुके है कि वैक्सीन आने में माह दिसंबर तक इंतजार करना पड़ सकता है. इसलिए सरकार को शासकीय सेवकों की छोटी-छोटी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए निराकरण करना चाहिए.