करण मिश्रा,ग्वालियर. गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर में पर्यटकों की पहली पसंद माने जाने वाली मादा भालू डायना का निधन हो गया है. डायना भले ही उम्रदराज हो गई थी लेकिन जब पर्यटक चिड़ियाघर में पहुंचते थे तो उनकी पहली पसंद डायना होती थी, क्योंकि डायना जब केज से बाहर होती थी तो उसकी अठखेलियां और करतब पर्यटकों को अपनी ओर खींच लिया करते थे.
अब जब भी पर्य़टक ग्वालियर के चिड़ियाघर जाएंगे तो उन्हें डायना नही मिलेगी. बता दें कि यहां 4 देसी भालू थे, डायना 41 साल की थी, लेकिन इसके मौत के बाद अब 3 भालू ही रह गए है. आस पास के पर्यटकों को इस बात का पता चला तो वे भी मायूस हो गए है.
जानाकरी के मुताबिक मादा भालू डायना को नैनीताल स्थित चिड़िया घर से ग्वालियर लाया गया था. डायना कुछ दिन से बीमार चल रही थी, और वृध्द होने के कारण उसने कुछ दिनों से खाना पीना कम कर दिया था और कमजोर भी दिखने लगी थी. चिड़ियाघर प्रबंधन ने डायना का अंतिम संस्कार किया.
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मृत मादा भालू का शव परीक्षण पशु चिकित्सक डॉ उमेश दांतरे, डॉ सूर्य प्रकाश उपाध्याय डॉ उपेंद्र यादव ने किया बाद में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संजीव कुमार और नगर निगम के उपायुक्त अतेंद्र सिंह गुर्जर के सामने उसका ससम्मान अंतिम संस्कार भी किया गया.
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