शुभम नांदेकर, पांढुर्णा। मध्य प्रदेश में पांढुर्णा जिले की प्रमुख पंचायतों, बड़चिचोली, सिवनी, और तिगांव की जनता वर्षों से नगर परिषद बनाए जाने की मांग कर रही है। यह तीनों पंचायतें राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं, जिनकी जनसंख्या और क्षेत्रफल नगर परिषद बनने योग्य है, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। इस मांग को स्थानीय नेताओं ने कभी गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण आज तक इन पंचायतों का विकास नहीं हो पाया है। पांढुर्णा जिले में नगर परिषद का अभाव क्षेत्रीय विकास में बाधा बना हुआ है।
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सौतेला व्यवहार
सौंसर तहसील में तीन नगर परिषद पहले से हैं, मोहगांव, पिपला नारायनवार और लोधीखेड़ा। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रामकोना को भी नगर परिषद बनाने की घोषणा की थी। इसके विपरीत, पांढुर्णा जिले में एक भी पंचायत को नगर परिषद का दर्जा नहीं मिला है। सरकारों की यह नीति पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र के साथ सौतेले व्यवहार का स्पष्ट प्रमाण है। यहां के लोग लगातार विकास की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
तिगांव, सिवनी, बड़चिचोली विकास की राह में पांढुर्णा विधानसभा की प्रमुख पंचायतें तिगांव, सिवनी, और बड़चिचोली सरकार की अनदेखी और ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण विकास से वंचित हैं। यह तीनों पंचायतें नगर परिषद बनने के लिए सभी मानदंडों को पूरा करती हैं, लेकिन इसके बावजूद इन क्षेत्रों में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सड़क, सफाई, और शहरी सेवाओं में कमी के कारण यहां के लोग लगातार संघर्ष कर रहे हैं। स्थानीय नेताओं द्वारा समय पर कदम न उठाने के कारण इन गांवों का विकास ठप पड़ा है।
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क्या मोहन सरकार पूरी करेगी मांग?
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह बड़चिचोली, सिवनी और तिगांव को नगर परिषद का दर्जा देने की मांग को पूरा करेगी। इन पंचायतों के लोग वर्षों से अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं। यदि यह पंचायतें नगर परिषद बनती हैं, तो यहां के लोगों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं, योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन, और शहरी विकास का लाभ मिल सकेगा। अब देखना होगा कि वर्तमान सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरती है या नहीं।
जनप्रतिनिधियों से सवाल
यह सवाल पांढुर्णा ग्रामीण की जनता की ओर से उठाया गया है, जो जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और जनता की मांग को हमेशा से ही नजरअंदाज करने के कारण विकास अधूरा होने की स्थिति से परेशान है। पांढुर्णा जिले में नगर परिषद की मांग को लेकर जनता ने कई बार आवाज उठाई है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जनता की मांग को नजरअंदाज करने के कारण पांढुर्णा जिले में विकास अधूरा है, जिससे जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनता की मांग को पूरा करने के लिए जनप्रतिनिधियों को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और जनता की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष वैशाली महाले कहना है कि यह मेरी भी इच्छा है कि बड़चिचोली, सिवनी और तिगांव पंचायत अब नगर परिषद बने। अभी मैं पिछले डेढ़ माह से भाजपा सदस्यता अभियान में व्यस्त हूं। सदस्या अभियान से फ्री हो कर मुख्यमंत्री से मिल इस विषय पर चर्चा कर उन के संज्ञान में रखूंगी।
पांढुर्णा विधायक नीलेश उइके ने कहा कि कमलनाथ सरकार में हम बड़चिचोली और तिगांव को नगर परिषद का दर्जा दिलाने वाले थे,लेकिन 15 महीने में ही षड्यंत्र पूर्वक हमारी सरकार गिरा दी गई। अब विधानसभा में मुद्दा उठाऊंगा।
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