हेमंत शर्मा,रायपुर. राजधानी में 108 और 102 एम्बुलेंस के हड़ताली कर्मचारियों पर जीवीके कंपनी ने सख्त रूख अपनाया है. कंपनी ने हड़ताल पर गए 16 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. अन्य कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है. बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर भी शामिल है. बता दें कि बुधवार को जीवीके कंपनी ने एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल को खत्म कर ड्यूटी ज्वाइन करने का आदेश दिया था.
जीवीके कंपनी द्वारा बर्खास्त किए गए 16 लोगों में कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर, उपाध्यक्ष शिव साहू, सचिव लोकेश डड़सेना, पुरषोत्तम यादव, महोनिस सिन्हा,
घनश्याम साहू समेत रघुनाथ साहू शामिल है. वहीं श्रम उपायुक्त ने हड़ताल को अवैध घोषित करने के बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर बने हुए है. बर्खास्तगी के बाद भी पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है. तब तक यह हड़ताल जारी रहेगा. कर्मचारियों ने भी कहा कि अब हम पोस्टकार्ड अभियान चलाएंगे. साथ ही शाम को प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए कैंडल मार्च निकालेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि बर्खास्तगी को लेकर हाईकोर्ट में चैलेंज किया जाएगा.
वहीं इस हड़ताल से आम जनता के स्वास्थ्य और जेब दोनों पर असर पड़ रहा है. प्रदेशभर में एंबुलेंस सेवा ठप होने की वजह से कई मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कहीं निजी साधनों, तो कहीं भाड़े की गाडिय़ों में मरीज अस्पताल आ रहे है. कुछ ऐसा ही आलम राजधानी की सड़कों सहित अस्पतालों में देखने को मिल रहा है. दिन-रात सड़कों में गुजरने वाले एंबुलेंसों के पहिए थमे गए है.
बता दें कि एम्बुलेंस कर्मचारी समय पर वेतन देने, ठेका प्रथा बंद करने और न्यूनतम मजदूरी देने की मांग कर रहे है. इनके हड़ताल पर जाने से एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप हो रही है.