रुपेश गुप्ता, रायपुर। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के आदिवासी को फर्जी एनकाउंटर में मार गिराए जाने के मामले में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ढुलमुल रवैया अख्तियार किये हुए है। शिवराज सरकार दोषियों को बचाने में लगी हुई है, सरकार द्वारा दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय 1 लाख रुपये देकर पीड़ितों का मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है। सरकार की तरफ से मृतक के परिजनों को 1 लाख रुपये का चेक दिया गया है। वहीं फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ दोनों राज्यों के आदिवासी लामबंद हो गए हैं।

आपको बता दें फर्जी एनकाउंटर के इस मसले पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल से बात की। इससे पहले वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने शिवराज को दो दो बार चिट्ठी लिखी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

मामला 6 सितंबर का है, झामसिंग धुर्वे अपने भाई नेमसिंग के साथ मछली पकड़ने गया था। तो पुलिस ने उनपर गोली चला दी। नेम सिंह किसी तरह जान बचाकर भागा। लेकिन झामसिंग की मौत हो गई। इस हत्या को मध्यप्रदेश सरकार ने नक्सली वारदात की तरह पेश करने की कोशिश की। लेकिन नेम सिंह की रिपोर्ट पर हुई जांच से मध्य प्रदेश सरकार की साजिशों का खुलासा हो गया।

इस मामले को लल्लूराम डॉट कॉम भी लगातार उठाते आ रहा है। वहीं मध्यप्रदेश सरकार के रवैय्ये की वजह से अब आदिवासी समाज में काफी रोष है। आदिवासियों को नक्सली बताकर हत्या किये जाने के मामले पर अब मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज एक हो गए हैं। इस मामले में आदिवासियों द्वारा शिवराजं सरकार के खिलाफ बालाघाट में बड़ा प्रदर्शन किये जाने की भी खबर है।