पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबन्द. जिले के मैनपुर तहसील में बारदाना नहीं होने के कारण धीन खरीदी आज पांचवे दिन भी बंद है जिस वजह से किसानों का गुस्सा अधिकारियों पर फूट पड़ा. उरमाल, ढोर्रा, अमलीपदर, कांडकेला व तेतलखूटी केंद्र में 640 किसानों के 50 हजार क्विंटल से ज्यादा की धान खरीदी हो जानी थी. लेकिन नहीं हो सका है. जिस वजह से किसानों ने धान खरीदी केंद्र के बाहर जमकर हंगामा किया.
पिछले 17 जनवरी से बारदाना की सप्लाई नहीं हो पाने के कारण मैनपुर तहसील के इन पांच खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी ठप्प हो गई है. टोकन कटने के बाद ज्यादातर किसान उपज को लेकर खरीदी केंद्र पहुंच गए थे. बारदाना नहीं होने के कारण ढोर्रा व तेतलखूटी ने 17 जनवरी को खरीदी बन्द कर दिया. 18 व 19 से अन्य तीन समिति ने भी हाथ खड़ा कर दिया. किसान अपने बारदाने में भी विक्रय के लिए तैयार हो गए, पर ऑनलाइन साफ्टवेअर में प्रावधान नहीं बदले जाने के कारण किसानों के जुगाड़ का नसीहत भी काम नहीं आया. उपज की रखवाली के लिये किसानों को रतजगा करना पड़ रहा है. जिसके बाद आज किसानों का गुस्सा फूटना शुरू हो गया.
उरमाल केंद्र के बाहर 150 से ज्यादा किसानों ने हंगामा किया तो ढोर्रा में भी नाराज किसानों की बहस दिन भर प्रबन्धन से चलती रही. मामले में मार्कफेड के जिला अधिकारी बी बघेल से बात करने की कोशिश की गई पर इस समस्या से निपटने में नाकाम जिला अधिकारी ने अपना मोबाइल बन्द कर दिया है. सहकारी समितियों के संचालक मंडल भी लगातार अफसरों से सम्पर्क करने की कोशिश कर रहे है, पर उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है.
मामले में नोडल अधिकारी धनराज पूर्वय्या ने कहा कि अंतिम समय तक के लिए 5 लाख से ज्यादा मात्रा में बारदाना चाहिए. डिमांड पेपर हमने मार्कफेड को दे दिया है. इन पांच समितियों के तत्कालीन मांग 70 हजार बारदाने की थी. चार दिनों से यह मांग लंबित है. कोशिश की जा रही है कि पुराने बारदाने से खरीदी हो जाए.
वर्तमान में जिस सॉफ्टवेअर से खरीदी हो रही है उसमें 25 प्रतिशत पुराने बारदाने का प्रावधान है. शॉर्टेज को देखते हुए पुराने में खरीदी प्रक्रिया शुरू करने सॉफ्टयर में बदलाव करने की कवायद की जा रही है. बाताया जा रहा है की आज खाद्य सचिव ऋचा शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेस के जरिए इस तरह के प्रावधान के संकेत दिए है, लेकिन प्रक्रिया में विलंब हुई तो अंतिम समय तक कई किसान धान बेचने से वंचित हो जाएंगे.