रेणु अग्रवाल, धार। मध्यप्रदेश के धार जिले के मांडू में निराहारी संत दादा गुरु का आशीर्वाद लेने श्रद्धालु सैकड़ों की संख्या में पहुंचे। दादा गुरु अपनी चौथी नर्मदा परिक्रमा के दौरान मांडू पहुंचे। यहां दादा गुरु के आगमन को लेकर पिछले दिनों से तैयारी की जा रही थी। भ्रमण के दौरान दादा गुरु के पैर छूकर लोगों ने उनका आशीर्वाद लिया।

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समस्त ब्रह्मांड में ऊर्जा एक ईश्वर का वास

दादा गुरु ने कहा कि मां नर्मदा सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि हमारा जीवन और जीने का अस्तित्व है। भारतीय संस्कृति में नदियों को मां, धरती को मन पर्वत और वृक्ष के साथ प्रकृति की पूजा को ही धर्म माना गया है। हमारे शास्त्रों के अनुसार जल जंगल जमीन और समस्त ब्रह्मांड में ऊर्जा एक ईश्वर का वास है यही सनातन संस्कृति की विशेषता और गौरव है।

मांडू ऐतिहासिक और पौराणिक धार्मिक नगरी

दादा गुरु निमाड़ से मांडू तारापुर घाट होते हुए मांडू पहुंचे। यहां चतुर्भुज श्री राम मंदिर में उन्होंने रात्रि विश्राम किया और सुबह धर्म सभा को भी संबोधित किया। यहां नगर वासियों और उनके शिष्यों द्वारा उनका पुष्पहारों से स्वागत कर अभिनंदन किया गया। प्रशासन भी सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर यहां डटा हुआ था । दादा गुरु ने कहा मांडू ऐतिहासिक और पौराणिक धार्मिक नगरी है। ऐसा लगता है यहां की हवा में ईश्वर निवास करता है।

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