रायपुर. छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स में संविधान संशोधन एक विवादित मुद्दा रहा है, जिस पर अब लड़ाई और तेज हो गई है. क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है. मामले से संबंधित याचिका हाईकोर्ट में स्वीकार कर ली गई है, जिस पर जल्द ही सुनवाई शुरू होगी.

दरअसल यह पूरा मामला चेंबर ऑफ कॉमर्स के चुनाव के दौरान सामने आया था, जब श्रीचंद सुंदरानी ने पूर्व अध्यक्ष अमर पारवानी और उनके पदाधिकारियों की ओर से किए गए संविधान संशोधन को लेकर सवाल उठाया था. जिसमें सुंदरानी और उनके अन्य साथियों ने संविधान संशोधन को अवैध बताते हुए पंजीयक फर्म एंड सोसायटी के समक्ष अपील किया था. उनके अपील को स्वीकार करते हुए सोसायटी ने पारवानी गुट की ओर से लाए गए संशोधन को निरस्त कर दिया था. इसके बाद चेंबर में हुए चुनाव में सतीश थौरानी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे. अमर पारवानी को चुनाव लड़ने से अपात्र घोषित कर दिया गया था.

सोसायटी के फैसले के विरूद्ध पारवानी गुट के पूर्व कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अब दो महीने बाद कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है और इस मामले में जल्द ही सुनवाई शुरू होगी.

हमारी याचिका स्वीकार : उत्तम गोलछा

याचिकाकर्ता उत्तम गोलछा का कहना है कि हम लोगों ने जो संविधान संशोधन किया था वह पूरी तरह से वैध था. पंजीयक फर्म सोसायटी ने भी इसे मान्य कर दिया था लेकिन सचिव के यहां अपील में संशोधन को निरस्त कर दिया गया था. इसके विरूद्ध मैंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जो स्वीकार कर ली गई है. जल्द ही इस मामले में सुनवाई होगी. हमारी ओर से इसमें श्रीचंद सुंदरानी, वासु ज्योतसिंघानी व अन्य को पार्टी बनाया गया है, जिन्हें कोर्ट ने नोटिस भी जारी कर दिया है. वहीं इस मामले में पूर्व अध्यक्ष अमर पारवानी ने फिलहाल किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है.

संविधान संशोधन था गलत : राजेश वासवानी

कार्यकारी अध्यक्ष राजेश वासवानी का कहना है कि पूर्व अध्यक्ष पारवानी और उनकी टीम ने गलत तरीके से संविधान संशोधन किया था. वह नियमों के खिलाफ था, जिसे हमने अपील में चुनौती दी थी और फैसला हमारे पक्ष में आया था. पारवानी और उनकी टीम गलत संविधान के जरिए पद पर बने रहना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अपील में सत्य की जीत हुई थी. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग चेंबर को राजनीतिक अखाड़ा का मंच बनाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा. चेंबर व्यापारियों की संस्था है और व्यापारियों के लिए ही बना है. छोटे व्यापारियों को मदद करना, उन्हें न्याय दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता है. चेंबर में किसी तरह की राजनीति नहीं होने दी जाएगी.

कोर्ट से कोई नोटिस नहीं : सतीश थौरानी

वहीं इस मामले में चेंंबर अध्यक्ष सतीश थौरानी ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से किसी तरह की कोई नोटिस की सूचना चेंबर को नहीं मिली है.