रायपुर. 30 अप्रैल शनिश्चरी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का भारत पर कोई प्रभाव नहीं होगा, सूर्य ग्रहण यूं तो आंशिक सूर्य ग्रहण के तौर पर केवल दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों जैसे अर्जेंटीना, चिली, पेराग्वे आदि में दिखाई देगा. लेकिन ग्रहण के समय बनने वाली ग्रह स्थितियों के कारण यह सूर्य ग्रहण दुनिया भर में अपना असर दिखाएगा. साल का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार 30 अप्रैल 2022 की मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 8 मिनट तक रहेगा.

30 अप्रैल के आंशिक सूर्य ग्रहण की कुंडली में गुरु और शुक्र दोनों समान अंश और समान क्रांति पर स्थिति होने के कारण आकाश में देखने से दोनों एक दूसरे के बिम्ब में समाते हुए दिखाई देंगे, इस स्थिति को पांचवीं सदी के आचार्य वराहमिहिर के ग्रृंथ ‘बृहत् संहिता’ में ग्रह युद्ध कहा गया है. गुरु और शुक्र के ‘ग्रह युद्ध’ के कारण राष्ट्र के प्रमुख व्यक्ति को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस ग्रंथ के अनुसार गुरु और शुक्र के गृह युद्ध से कुल्लू (वर्तमान हिमाचल), कैकय नगर (पाकिस्तान का पंजाब), गांधार (वर्तमान अफगानिस्तान), मद्र तथा शाल्व राज्य (भारत का पंजाब और पाकिस्तान के सियाल कोट) में कोई बड़ी घटना हो सकती है.

ग्रहण के समय मेष राशि में सूर्य के राहु तथा चंद्रमा से युति में आने से गर्मी और बढ़ेगी. कुंभ राशि में गोचर कर रहे शनि की दृष्टि पड़ने से मेष राशि से प्रभावित मेष राशि में राहु और सूर्य की युति के चलते इस राशि के पदार्थों जिसे सोना, गेहूं, मसूर की दाल, पेड़ों से प्राप्त राल और गोंद, जौं, कम पानी में पैदा होने वाली जड़ी-बूटी तथा फल आदि की कीमतों में तेजी आएगी. ग्रहण के समय सूर्य क्रूर नक्षत्र भरणी में होंगे जिससे दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमत और बढ़ेगी.