प्रमोद निर्मल, मोहला-मानपुर. जिले में तेंदुए की लगातार आमद से जहां ग्रामीणों के बीच खौफ है। वहीं वन महकमा भी तेंदुए को ट्रैक कर पकड़ने में जुटा है। करीब एक पखवाड़े से तेंदुआ, वन अमला और ग्रामीणों के बीच जारी आंख मिचौली के बीच ऐसा वाक्या भी सामने आया, जहां तेंदुए के पदचिन्ह को देखते-देखते तेंदुए तक पहुंचने की कोशिश में जुटे वन अफसरों को तेंदुआ तो नहीं मिला, लेकिन तेंदुए के पदचिन्ह सागौन के अवैध जखीरे तक पहुंचा दिया। वन विभाग ने करीब 2 लाख के अवैध सागौन को जब्त किया है।

पानाबरस वन विकास निगम के एसडीओ वीरेंद्र पटेल ने बताया कि बुधवार को ग्राम पंचायत पुत्तरगोंदी अंतर्गत ग्राम अमलीडीह में तेंदुए की आमद की सूचना पर वन विकास निगम के अफसर और कर्मचारी अमलीडीह गांव पहुंचे थे। यहां तेंदुए के पदचिन्ह को ट्रैक करते हुए वन अमला तेंदुए की तलाश में जुटा हुआ था। इसी बीच पदचिन्ह का पीछा करते करते आगे बढ़ रहा वन अमला जब स्थानीय ग्रामीण अगनू राम कोरेटी की बाड़ी में पहुंचा तो यहां तेंदुआ तो नहीं मिला पर ग्रामीण द्वारा अपनी बाड़ी में रखा करीब 70 नग सागौन के लट्ठे वन अमले को मिला, जिसे जब्त कर मोहला स्थित वन काष्ठगार लाए गए।

एसडीओ वीरेंद्र पटेल के मुताबिक, बाड़ी के मालिक अगनू राम कोरेटी से सागौन लट्ठों के संबंध में पूछताछ की तो उसने दावा किया कि उक्त सागौन के लट्ठे उसके खुद के खेत से काटे गए हैं। हालांकि ग्रामीण अगनू राम के पास सागौन लट्ठों के भंडारण व उन्हें काटे जाने को लेकर आवश्यक दस्तावेज नहीं मिला। ऐसे में सागौन लट्ठों का उक्त जखीरा अवैध माना गया। लिहाज़ा तमाम लट्ठों को जब्त कर मोहला स्थित वन विकास निगम के काष्ठगार लाया गया।

ग्रामीण के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

एसडीओ वीरेंद्र पटेल के मुताबिक, लगभग 70 नग जब्त सागौन लट्ठों का मेजरमेंट किया जा रहा है। वहीं आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए मामले की जांच की जा रही है। एसडीओ पटेल के मुताबिक लट्ठों का मेजरमेंट अभी बाकी है, लेकिन प्रथम दृष्टया इन सागौन लट्ठों की अनुमानित लागत करीब दो लाख है। बहरहाल जांच जारी है। यदि ग्रामीण अगनू राम द्वारा तत्काल सागौन भंडारण व उनकी कटाई के आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया तो उक्त सागौन लट्ठों को विधिवत राजसात किया जाएगा। अवैध सागौन कटाई व भंडारण को लेकर उक्त ग्रामीण के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

सागौन पेड़ को काटने के लिए अनुमति लेना जरूरी

बता दें कि सागौन इमारती व संरक्षित प्रजाति है। सागौन यदि निजी जमीन से भी इस पेड़ को काटा जाता है तो इसके लिए वन महकमे के साथ राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति और आवश्यक जमीनी आकलन व प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। तब कोई अपनी जमीन से सागौन काट सकता है। ग्रामीण अगनू राम अब तक कटाई की लिखित अनुमति व दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका है। ऐसे में जल्द इस मामले मे बड़ी कार्रवाई होने के आसार दिख रहे हैं।