हेमंत शर्मा, इंदौर। राजस्थान कांग्रेस में बीते साल सचिन पायलट खेमे की ओर से अशोक गहलोत सरकार से बगावत की चिंगारियां ऊपरी तौर पर भले ही ठंडी पड़ गई हो, लेकिन इसके शोले रह-रहकर अंदर ही अंदर सुलग रहे हैं. गाहे-बगाहे इसकी चिंगारियां बाहर आती रहती हैं. एक बार फिर राजस्थान की सियासत में उबाल आना शुरु हो गया है. इसी मामले पर मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने राजस्थान झगड़े के निपटारा के लिए बनाई गई कमेटी पर सवाल खड़े किए हैं. वर्मा ने कहा कि ऐसी कमेटी को दोष देता हूं, जो आठ महीने बाद भी कोई निर्णय नहीं ले पाई.

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कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलय ने अपने अस्तित्व की लड़ाई कांग्रेस में रह कर लड़ी है. कमेटी ने अबतक कोई निर्णय नहीं ले पाई है. ऐसे में अब कमेटी के लोगों को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं देना चाहिए.

राजस्थान के प्रभारी महासचिव बनाए गए अजय माकन को मामले को शांत करने और हल निकालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हालांकि माकन ने सचिन के लोगों को व्यवस्थित करने की कोशिश भी की, लेकिन अजय माकन ने भी अब राजस्थान आना छोड़ दिया है.

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राजस्थान में 1 साल बाद भी नई हुआ निपटारा

गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस के एक साल पूरे होने के बाद फिर से राजनीति गर्म हो रही है. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि सुलह के मौके पर आलाकमान की तरफ से जो वादे किए गए थे, उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना दुखद है. सचिन पायलट ने कहा जब दिल्ली में समझौता हुआ था तो कहा गया था कि कमेटी बनाकर जो भी समस्याएं आएंगी, उसे त्वरित तरीके से निपटाया जाएगा. 9 महीना बीतने के बाद भी इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ.

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