दिल्ली. पूर्व महिला सांसद ने आरोप लगाया है कि कास्टिंग काउच से आज कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहा है, बॉलीवुड ही नहीं संसद भी इससे अछूती नहीं है. यह बातें कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी ने कही है.

रेणुका चौधरी का कहना है कि ऐसा सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं हर जगह होता है. उन्होंने कहा कि ये ना सोचें की संसद इससे अछूती है या अन्य काम करने की जगह इससे अछूती हैं. अब समय आ गया है कि देश को इस मुद्दे पर खड़ा होना चाहिए और बोलना चाहिए.

रेणुका ने यह बयान तब दिया है जब कास्टिंग काउच को लेकर कोरियोग्राफर सरोज खान की उस प्रतिक्रिया के बाद हंगामा मच गया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘यह कोई नई बात नहीं है. यह तो बाबा आदम के जमाने से होता आ रहा है. रोजी रोटी तो मिलती ही है. छोड़ तो नहीं देते हैं’

बता दे कि पिछले दिनों श्रीरेड्डी ने तेलुगू इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच के खिलाफ टॉप लेस होकर प्रदर्शन​ किया था. जिसके बाद से ही यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है और अब एक के बाद एक नेता से लेकर अभिनेता तक सभी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है.

रेणुका चौधरी का विवादों से है पुराना नाता

रेणुका चौधरी का विवादों से पुराना रिश्‍ता रहा है. रेणुका चौधरी ने साल 2011 में कहा था कि पैंट-सूट हास्यास्पद हैं, पुरुष धोतियों में ज्‍यादा अच्‍छे लगते हैं. स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते वह यह आश्वस्त कर सकती हैं, कि उससे प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है. साल 2015 में चौधरी को एसटी / एससी अत्याचार अधिनियम के तहत हैदराबाद पुलिस ने एक अभियोग से 1.10 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. साल 2000 के शुरुआती दिनों में टैक्स चुकाने वाले हसन अली खान के एक करीबी सहयोगी ने कहा था कि उन्होंने खान को 1.2 करोड़ रुपये का एक हीरा दिया था, जिसे रेणुका चौधरी को उपहार में देना था. करन थापर ने एक साक्षात्कार में पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि लोगों को कानून के दुरुपयोग की जांच में संशोधन करने से पहले पीड़ित होना चाहिए. चौधरी ने जवाब दिया था, “यह इतना बुरा विचार नहीं है, सिवाय इसके कि मुझे पुरुषों के लिए ऐसी दया है” एक उदाहरण में उन्‍होंने यह भी कहा कि “यह पुरुषों की पीड़ा है”. एक और उदाहरण में उन्‍होंने सार्वजनिक रूप से महिलाओं से आग्रह किया था कि वे कंडोम पर विश्‍वास करें अपने पतियों पर नहीं.