नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली सिक्के बनाने वाली एक फैक्टरी का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने अंतरराज्यीय मॉड्यूल का खुलासा कर सरगना समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

आरोपियों की पहचान नरेश कुमार, धर्मेन्द्र महतो, धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, श्रवण कुमार शर्मा और संतोष कुमार उर्फ कुर्ता के रूप में हुई है. आरोपियों के कब्जे से करीब 674 किलोग्राम वजन का तैयार व कच्चा माल बरामद किया गया है. तैयार व कच्चे माल की कीमत करीब 10 लाख से अधिक बताई गई है. मुख्य आरोपी नरेश को दिल्ली और हरियाणा में इसी तरह के चार मामलों में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है. यह गिरोह 5, 10 व 20 रुपये के नकली सिक्के तैयार करता था.

स्पेशल सेल के मुताबिक, सूचना मिली थी कि दिल्ली और हरियाणा के इलाकों में नकली सिक्के के धंधे में कुछ लोग लिप्त हैं. एक टीम ने सूचना एकत्र कर हरियाणा के चरखी दादरी स्थित फैक्टरी में छापा मारकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. यहां से पुलिस ने नकली सिक्कों को तैयार करने वाली मशीन का पूरा सेट, जिसमें काम करने की स्थिति में पूरी चार इकाइयां शामिल हैं. साथ ही बड़ी मात्रा में तैयार और आंशिक रूप से तैयार सिक्के, डाई, कच्चा माल, चमकने वाली मशीन आदि बरामद की है.

सेल के मुताबिक टीम ने पहले गिरोह के सरगना नरेश को दबोचा तो शुरुआत में उसने कोई जानकारी नहीं होने की बात कही. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि नकली सिक्के बनाने की फैक्टरी चरखी दादरी के ग्राम इमलोटा में है.

ऐसे तैयार किए जाते थे सिक्के

सिक्के का भीतरी सफेद रंग का हिस्सा स्टील से बना होता है और इसे टिक्की कहा जाता है. बाहरी भाग पीतल से बना है और इसे वॉशर कहा जाता है. भीतरी हिस्से को हथौड़े से वॉशर में एडजस्ट किया जाता था. इसके बाद सिक्के पर लगने वाले प्रतीक चिन्ह को लगाया जाता था. हाइड्रोलिक प्रेशर मशीनों का उपयोग करके सिक्कों पर रकम से लेकर प्रतीक चिन्ह को उकेरा जाता था. खेप असली दिखाने के लिए बैच और लॉट नंबर, तारीख आदि वाले नकली स्टिकर भी चिपकाए जाते थे.