वाराणसी। कोरोना का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है. जिसकी वजह से देश पिछले 47 दिन से लॉक डाउन है. लॉक डाउन के तीसरे चरण में कुछ सेवाओं को सरकार ने शर्तों के आधार पर छूट दी है. जिनमें शराब दुकान का संचालन भी शामिल है. इस संकट की घड़ी में सरकार को शराब बेचना मंजूर है लेकिन मंदिर में पूजा होने देना नहीं.
हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की.. हम बात कर रहे हैं सनातन संस्कृति के उस विश्व प्रसिद्धि मंदिर की, जिसकी आरती विदेशी मेहमानों और राष्ट्रध्यक्षों को दिखा कर हमारे प्रधानमंत्री खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. उसी काशी विश्वनाथ के मंदिर के पुजारियों को पुलिस ने मंदिर के भीतर जा कर पूजा करने से रोक दिया. इस मंदिर के सैकड़ों साल के इतिहास में यह पहली दफा होगा जब बाबा विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को शाम की सप्तऋषि आरती करने से रोक दिया गया. नाराज पुजारी अर्को गेट नं 1 ढुंढिराज के पास सड़क पर ही बैठ गए और पार्थिव शिव लिंग बनाकर वहीं उसका अभिषेक कर पूजा आरती की. बताया जा रहा है कि सप्तऋषि आरती की यह परंपरा पिछले 300 साल से ज्यादा समय से चली आ रही है.
इस खबर के बाद से लोगों में सरकार को लेकर भारी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि सरकार शराब दुकान खोल सकती है, लोगों को शराब लेने लाइन लगवा सकती है लेकिन मंदिर में पुजारियों को पूजा करने से रोक रही है. जबकि सरकार के दिशा निर्देश की वजह से मंदिर में कोई भी श्रद्धालु नहीं आ रहें हैं.
आपको बता दें लोगों का यह आक्रोश इस वजह से और भी ज्यादा है कि लॉक डाउन में 40 दिनों तक लोग अपने-अपने घरों में छोटे बच्चों समेत कैद रहे ताकि कोरोना संक्रमण का चैन टूट जाए. लेकिन लोगों का यह त्याग और तपस्या एक झटके में उस वक्त टूट गई जब सरकार ने लॉक डाउन 3.0 में शराब दुकान खोलने की राज्य सरकारों को अनुमति जारी कर दी.
शराब दुकान खुलते ही देश भर में मदिरा प्रेमियों की भीड़ टूट पड़ी. कई जगह लोग एक दूसरे से सट के लाइन में खड़े नजर आए, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां पुलिस की मौजूदगी में उड़ते रही. शराब की भी रिकॉर्ड बिक्री हुई. शराब दुकानों में पैसों की बरसात हो गई. शराब बेच कर राज्य सरकारों ने जमकर कमाई की. लोगों का कहना है कि सरकार के लिए शराब की कमाई ज्याद जरुरी है, बनिस्बत हजारों साल से चली आ रही सनातन संस्कृति, आस्था और परंपरा नहीं. परंपरा और आस्था को यह चोट लगी है देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में.
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